वाल्मीकि रामायण में दर्शाई गई तीन अपराधों की श्रेणी – परम पूज्य आचार्य ब्रहषि किरीट भाईजी
रतलाम। वाल्मीकि रामायण में तीन अपराधों की श्रेणी दर्शाई गई है। यह अपराध मनसा, वाचसा और तनुसा हैं। मनसा अपराध का अर्थ मन यानी विचार से किसी का भी बुरा एवं अप्रिय सोचना, वाचसा का अर्थ अपनी जीभा से किसी के प्रति गलत बोलना या अत्यधिक बोलना है। अंत में एक अपराध और शामिल किया गया है जिसका नाम तनुसा है। तनुसा का अर्थ होता है कर्म के माध्यम से अपराध का भागीदार होना। जीवन में प्रत्येक मनुष्य को इन तीनों अपराधों से दूर रहकर मां सीताजी के चरणों की वंदन करना चाहिए। जिससे मानव श्रेष्ठ बन सके।
उक्त विचार परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने श्री तुलसी परिवार द्वारा आयोजित श्री सीता चरित्र के मंगल प्रवचन के दौरान चौथे दिन व्यक्त किए। मंगल प्रवचन के पूर्व दीप प्रज्जवलन एवं स्वागत पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, निर्मल कटारिया ने किया। पोथी पूजन एवं स्वागत मुख्य यजमान अचला राजीव व्यास, मनोरथी कुसुम गजेन्द्र चाहर, लक्ष्मी गोयल मुम्बई, प्रेमलता चांडा मुंबई, ध्रुव शाह, सुषमा, मधु हरीश रत्नावत, एसएस पोरवाल, मंजु सुरेश गुप्ता ने किया। आचार्य श्री का सम्मान गीता मंदिर समिति, नित्यानंद सनातन सोशल ग्रुप, आर्ट आफ लिविंग संस्था द्वारा किया गया। आचार्य श्री का स्वागत सुषमा आरके कटारे, बाबुलाल चौधरी, राजेश व्यास, ऋषि अग्रवाल, नीना सुरेश अग्रवाल, संदीप व्यास, अनुप्रिया दिनेश गुप्ता, संजय व्यास, सुनील, वीरेंद्र वाफगांवकर, पार्षद योगेश पापटवाल, विठ्ठल सोनी, विवेकानंद उपाध्याय, प्रीति प्रशांत व्यास, हरीश बिंदल आदि ने किया। मंगल प्रवचन की समाप्ति पर प्रतिदिन प्रसादी का वितरण किया जा रहा है। मंगल प्रवचन के पांचवे दिन समाप्ति पर घनश्याम पांचाल को तरफ से प्रसादी वितरीत की जाएगी। संचालन कैलाश व्यास ने किया। अंबेडकर मांगलिक परिसर में आयोजित मंगल प्रवचन में आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने कहा जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा सिर्फ एक पाठशाला है। वर्तमान में हम देखतें है कि सभी ने अपने जीवन को एक बोझ बना लिया है और कई समस्याओं से घिरा हुआ है। मनुष्य रोकर पैदा होता है और शिकायत कर जीता है और अंत में इसी में मर जाता है। मां जगदम्बा ज्ञान, त्रिया और द्रव्य तीन शक्तियों से समाहित है। तुलसी परिवार ने शहर की धर्म प्रेमी जनता से मंगल प्रवचन में शामिल होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।
चमत्कार को नमस्कार कर आगे बढो
वर्तमान में चमत्कार का दौर चल रहा है। परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने कहा चमत्कार को नमस्कार कर आगे बढ़ो। क्योंकि श्रम और कर्म के बिना जीवन को गति नहीं मिलती है। प्रतिष्ठा सभी को दें, लेकिन निष्ठा अपने इष्टदेव के प्रति रख उनमें विश्वास रखें। अगर आपको अपने इष्टदेव में विश्वास या भरोसा नहीं होगा तो आपकी प्रार्थना की सुनवाई भी नहीं होगी।
व्यास गादी से दिया स्वच्छता का संदेश
आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई ने श्री सीताजी चरित्र के मंगल प्रवचन के दौरान व्यास गादी से स्वच्छता के प्रति आमजन को जागरूक रहकर अपनी माटी का कर्ज चुकाने का आह्वान किया। उन्होंने नगर-निगम की गाड़ियों में नियमित गीला-सूखा कचरा एकत्र कर पृथक-पृथक कंटेनर में डालने की आदत बनाने के साथ प्लास्टिक की थैली की जगह पेपर, कपड़े और बांस की सुंदर थैली का उपयोग करने का आव्हान किया। रतलाम शहर के साथ प्रदेश और भारत को सुंदर व स्वच्छ बनाने का भी आव्हान किया।
शिव पार्वती की प्रस्तुति से शिवमय हुआ पाण्डाल
सीता चरित्र पर मंगल प्रवचन 2 मार्च तक होंगे। प्रतिदिन अलग अलग मनोरथ का रसास्वादन आचार्य श्री द्वारा कराया जा रहा है। सोमवार को शिव पार्वती का रूप धरे कलाकारों ने शिव नृत्य की प्रस्तुति से सीता माता के चरित्र वर्णन के साथ पाण्डाल शिवमय हो गया। भगवान भोले व पार्वती माता का रूप धारण कलाकारों का आचार्य श्री ने अभिनंदन किया। मंगल प्रवचन के पांचवे दिन 28 फरवरी को राम सीता विवाह के मनोरथ का रसास्वादन कराया जाएगा।