झाबुआ

आओ पता लगाए :-आखिर क्यों जिला आबकारी अधिकारी कार्यालीन समय में कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहते हैं…..?

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झाबुआ – जिले में जिला प्रशासन की लचीली कार्यप्रणाली के कारण कई अधिकारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचते हैं या कई अधिकारी बिना किसी सूचना के जिले से बाहर रहते हैं वही झाबुआ जिले में आबकारी विभाग मे भी मनमानी कार्यशैली के कारण अधिकारी कर्मचारी फील्ड का बहाना बनाकर कहां कार्य कर रहे हैं यह जांच का विषय है…..?

जिले में आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध शराब का व्यापार जोर-शोर से संचालित किया जा रहा है जिले के कई गांव और शहरों में आबकारी विभाग की कार्यवाही के अभाव में अवैध शराब का कारोबार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है यह अवैध शराब माफिया छोटे-छोटे गांव से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक बहुत ही आसानी से अपने इस अवैध व्यापार को संचालित कर रहे हैं जिसकी सूचना या जानकारी आबकारी विभाग को तो है लेकिन कारवाई कागजी खानापूर्ति तक सीमित है । वहीं विगत दिनों ही अवैध शराब के परिवहन को लेकर पिटोल कोतवाली पुलिस द्वारा एक बड़ी कार्रवाई की गई थी और ट्रक सहित अवैध शराब जब्त की थी ।वही विगत दिनों ही पुलिस कोतवाली थाना क्षेत्र में भी अवैध शराब परीवहन को लेकर कारवाई की गई है इस प्रकार यह माना जा सकता है कि जिले में अवैध शराब माफिया पूर्ण रूप से सक्रिय है वही जब इन अवैध शराब माफियाओं की कार्यप्रणाली की जानकारी और कार्रवाई को लेकर जब इस विभाग के जिला आबकारी अधिकारी से मिलने का प्रयास किया जाता है तो वह अपने कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते हैं जब इस संबंध में विभागीय लोगों से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है तो कोई भी जवाब नहीं मिलता है वही विभाग के मुखिया का ही कार्यालीन समय में उपलब्ध ना होना……. जन चर्चा का विषय बनता जा रहा है और इसी के अभाव में अन्य कर्मचारी भी अब तो कार्यालीन समय में कम ही नजर आते हैं । जो इस विभाग से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा सकें । सूत्रों के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी अपने इंदौर के किसी बंगले में आए दिन छुट्टी मनाने के लिए आते रहते हैं । यह बंगला संभवतः विजयनगर क्षेत्र मे हैं । वही विभाग में जानकारी लेने पर फील्ड में होने.की बात का कह कर इतिश्री की जा रही है । यदि सूत्रों की बात पर विश्वास किया जाए, जिला प्रशासन को इस तरह की छुट्टी की कोई सूचना दी जा रही है या नहीं ….या फील्ड में कार्य कर रहे हैं या नहीं …….इसकी जांच की जाना चाहिए …..। आबकारी विभाग की मनमानी कार्यशैली का आलम यह है कि पूर्व के वर्ष में एक इंदौरी ठेकेदार से शराब ठेके की ड्यूटी (राशि )जमा करने को लेकर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है उल्टे उसे शराब ठेकेदार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। करीब 4 करोड़ से अधिक की राशि शराब ठेकेदार से वसूली जाना है । आखिर क्यों :-जिला आबकारी अधिकारी उस ठेकेदार पर कारवाई नहीं कर रहे हैं । इस तरह की अनेक जानकारी के लिए यदि आप यदि आबकारी कार्यालय पहुंचते हैं तो वहां पर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालयीन समय में उपलब्ध नहीं होंगे । आओ पता लगाएं :- आखिर क्यों जिला आबकारी अधिकारी कार्यालीन समय में कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते हैं…..?

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