वायरल अटैक:कोरोनाकाल के बाद देखिए पहली ऐसी तस्वीर…
रतलाम~~हमारे शहर में एक बार फिर वायरल अटैक है। हर तीसरे घर में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीज मिल जाएंगे। हाल जिला अस्पताल की ओपीडी बता रही है, जोकि सामान्य दिनों में 1100-1200 रहती है, अब 2 हजार के पार जा रही है। आलम ऐसा है कि गलियारों में भी मरीजों के लिए बेड लगाए हैं, जो फुल हो चुके हैं।
पिछले एक सप्ताह से ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। बड़ा कारण वायरल ही सामने आ रहा है। जिसमें बुखार, सिर दर्द, कमजोरी, चक्कर आना, सर्दी-खंासी हो रही है। खास बात तो यह है कि दवा लेने के बाद भी 7 से 8 दिन तक हाल नहीं सुधर रहा है।
पिछले दो दिन यानी 27 फरवरी को जिला अस्पताल की ओपीडी 2047 तो 28 फरवरी को 2014 रही है। आंकड़े चौकाने वाले इसलिए हैं क्योंकि सामान्य दिनों में जिला अस्पताल में 1000 से 1300 के बीच ही मरीज रहते हैं। बुधवार शाम तक जिला अस्पताल की ओपीडी 1500 से ज्यादा पहुंच चुकी थी।
हालांकि, राहत की बात ये है कि वायरल बुखार कमजोरी जरूर दे रहा है, लेकिन ज्यादा गंभीर स्थिति नहीं है। इधर, सिर्फ जिला अस्पताल ही नहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी वार्ड के फुल होने की नौबत बन रही है।
बच्चों पर भी अटैक, अस्पताल की ओपीडी लगातार बढ़ रही
इधर, बच्चों पर भी वायरल का अटैक जारी है। बुखार सबसे सामान्य है, जोकि एक के बाद एक बच्चे को चपेट में ले रहा है। मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों के वार्ड भी फुल ही बने हुए हैं। एंटीबॉयोटिक को जितना असर करना चाहिए, उतना नहीं दिख रहा। चार से पांच दिन सामान्य तौर पर बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मेडिकल कॉलेज में रतलाम के आसपास से भी बच्चे रेफर होकर आ रहे हैं।
डॉक्टर बोले – डरने की जरूरत नहीं, लेकिन सावधानी जरूरी
इधर, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया ओपीडी ज्यादा बनी हुई है। वायरल के मरीज ही ज्यादा हैं। बुखार, कमजोरी सहित अन्य सीजनल समस्या हो रही है। मौसम में बदलाव इसका कारण है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सावधानी भी रखना होगी। संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाना बेहतर है। बुखार या अन्य समस्या होने पर मनमर्जी से दवा लेने से अच्छा है, डॉक्टर से संपर्क करें।
पिछला साल राहतभरा था, 2021 में रजिस्टर्ड थे 50 हजार से ज्यादा मरीज: इधर, वायरल के मामले में 2022 राहतभरा था। लेकिन, सबसे ज्यादा हाल 2021 में खराब थे। हालांकि, उस दौरान डेंगू और वायरल का एकसाथ अटैक था। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं है। उस दौरान सितंबर-अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा 50 हजार के पार ओपीडी थी, एक दिन में 2 हजार से ज्यादा मरीज रजिस्टर्ड हो रहे थे। (दैनिक भास्कर से साभार)
अभी अस्पताल की ओपीडी का ऐसा हाल
दिनांक मरीज
25 फरवरी 1714
26 फरवरी 1138
27 फरवरी 2047
28 फरवरी 2014
1 मार्च 1502 (शाम तक)