झाबुआ

कलेक्टर मैडम….हो जाए सावधान.. जेम पोर्टल हैकिंग पद्धति के माध्यम से कुछ अधिकारी विशेष सप्लायरो से खरीदी कर , आप की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं…..।

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झाबुआ – शासन प्रशासन द्वारा सामग्री खरीदी करने हेतु ऑनलाइन पद्धति तथा जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री खरीदी करने हेतु निर्देशित किया गया है लेकिन यह देखने में आया कि विगत कुछ वर्षों में जेम पोर्टल को हैकर्स द्वारा बहुत ही आसानी से हैक कर विशेष फर्मो को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जिसे शासन प्रशासन को लाखों करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है । जिले के कुछ विभागों में भी हैकिंग पद्धति को माध्यम से खरीदी की जा रही है और सप्लायरो को आर्थिक.लाभ पहुंचाया जा रहा है और शासन को नुकसान, जो कि जांच का विषय है ।

जानकारी अनुसार शासन द्वारा किसी भी सामग्री खरीदी के लिए ऑनलकइन टेंडर पद्धति तथा जेम पोर्टल के माध्यम से की जाती है लेकिन विगत कुछ वर्षों से हैकर द्वारा जेम पोर्टल को बहुत ही आसानी से हैक कर विशेष फर्मो को L 1 लेकर ,मनमाने दामों पर सामग्री खरीदी की जा रही है । हैकर्स द्वारा सर्वप्रथम इस तरह की सामग्री खरीदी की निविदा को जेम पोर्टल पर चंद मीनीट के लिए ही शो किया जाता है उसके बाद इसे हाइड कर दिया जाता है । पश्चात हैकर्स द्वारा विशेष फर्म को विशेष दर पर L 1 लेने के लिए घंटों प्रयास किए जाते हैं अंत: विशेष फर्म की L 1 विषय दर पर स्वीकृत हो जाती है । वही इस पद्धति के माध्यम से कई सामग्री बाजार दर से दुगूनी दरों में खरीदी की जा रही. है । कुछ ऐसा ही झाबुआ जिले के कुछ अधिकारी/ कर्मचारी दारा विशेष फर्मो को सामग्री खरीदी के लिए नियम और शर्तों में बदलाव कर, विशेष फर्मो को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है और लाभ में हिस्सा लेने का भी । सूत्रों के अनुसार जिले के शासकीय विभाग में फर्नीचर खरीदी और कंप्यूटर खरीदी को लेकर जेम पोर्टल के माध्यम से निविदा आमंत्रित की गई । इस निविदा में उस विभाग के संविदा कर्मचारी संत जी द्वारा विशेष फर्म के लिए विशेष शर्तों का उल्लेख, इस निविदा में किया गया । विशेष शर्तों के कारण कई फर्मे इस निविदा प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ रही और संभवत यह निविदा एक तरफा विशेष फर्म पर केंद्रित थी । इस प्रकार संत जी के सहयोग से विशेष फर्म को, करोड़ों की राशि की निविदा जेम पोर्टल के माध्यम से विशेष फर्म को प्राप्त हुई , जो कि जांच का विषय है । इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में भी लाखों करोड़ों रुपए की खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से विशेष फर्मो से की जा रही है और संभवत: बाजार दर से दुगनी दरों पर खरीदी की जा रही है यह भी जांच का विषय है । स्वास्थ्य विभाग में भी धार व भोपाली ठेकेदार द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से मनमाने दामों पर सामग्री सप्लाई की जा रही है । इस विभाग में ऑनलाइन पद्धति को नकारा जा रहा है.। जिससे शासन को राजस्व भी प्राप्त होता है वही जनजाति कार्य विभाग में भी भोपाल, इंदौर , देवास आदि स्थानों के सप्लायर द्वारा छात्रावासों में मनमाने दरों पर सामग्री सप्लाई की जा रही है जिसके लिए विभाग द्वारा कोई निविदा प्रक्रिया को भी नहीं अपनाया जा रहा है । मात्र सामग्री देकर और बिल देकर इतिश्री की जा रही है । इसके अलावा शासकीय महाविद्यालय में भी फर्नीचर खरीदी को लेकर इस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है जिसमें विशेष फर्मो को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जांच का विषय है । इस प्रकार इस जिले में कई विभाग द्वारा मनमाने तौर पर सामग्री की खरीदी कर जिला प्रशासन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है तथा वर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल को भी दागदार बनाने का प्रयास किया जा रहा है । जिला प्रशासन द्वारा समय रहते संपूर्ण खरीदी प्रक्रिया को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से निष्पादित नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में जिला प्रशासन के कुछ विभागों के अधिकारी कर्मचारी द्वारा आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान कार्यकाल को दागदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी ….। जिससे वर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल को लेकर एक प्रश्न चिन्ह बना रहेगा….? तो कलेक्टर मैडम हो जाएं… सावधान …..जेम पोर्टल ( हैकिंग पद्धति) के माध्यम से कुछ अधिकारी/ कर्मचारी विषय सप्लायरो से खरीदी कर आपकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं…. और ऑनलाइन पद्धति को नकार रहे हैं….।

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