रतलाम~~रतलाम में अव्यवस्थाओं के बीच ट्रैफिक सिग्नल चालू है। अभी यह सिग्नल 80% जनता की समझदारी पर चल रहे हैं। जी हां, कई लोग ऐसे भी हैं, जो बेधड़क रेड सिग्नल क्रॉस कर रहे हैं। मौके पर ट्रैफिक जवान मौजूद नहीं रहते हैं। ऐसे में वाहन सवार रेड लाइट में ही निकल रहे हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी उन वाहन चालकों को आ रही है जिन्हें जाना लेफ्ट की ओर रहता है लेकिन उस रो में भी सामने या राइट साइड जाने वाले वाहन सवार आकर खड़े हो जाते हैं। ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति भी बन रही है। यही लोग है लाल लाइट में भी सिग्नल तोड़कर चौराहों से निकल रहे हैं।
शहर के लोकेंद्र टॉकीज, दो बत्ती और महाराणा प्रताप चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए हैं। यह सिग्नल ही परेशानी का कारण बन रहे हैं। ट्रैफिक प्रशासन ने चौराहों पर न ढंग से अतिक्रमण हटाया है और न मौके कोई पुलिस जवान रहता है। ऐसे में आए दिन परेशानी हो रही है। एम्बुलेंस भी फंस रही है। जबकि सिग्नल नहीं थे तब भी एम्बुलेंस ज्यादा आराम से पहुंच जाती थी।
अभी ऐसा है हाल, आपस में उलझ रहे वाहन
ट्रैफिक सिग्नल पर अभी हाल खराब है। वाहन आपस में ही उलझ रहे हैं। ग्रीन लाइट रेड होने पर पूरे वाहन नहीं निकलते, इसी दौरान दूसरी लाइट ग्रीन हो जाती है। ऐसे में उलझन होती है। लोकेंद्र टॉकीज और महाराणा प्रताप चौराहे पर सबसे ज्यादा परेशानी है। कार के लिए लेफ्ट टर्न की जगह नहीं है, टू-व्हीलर निकलने की जगह सिग्नल पर रुकने वाले घेर रहे। ऐसे में विवाद भी नौबत भी बन रही। चौराहों पर अतिक्रमण है। पहले चौड़े करना चाहिए। फिर ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था लागू करना चाहिए।
कैमरों से चालान के लिए पीएच को लिखा
इधर, स्मार्ट सिटी की तर्ज पर रतलाम में भी आरएलवीडी यानी रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम शुरू होना है। ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार राय ने बताया यह सिस्टम शुरू होने से रेड लाइट जंप होने पर ऑटोमेटिक कैप्चर होकर चालान पहुंचता है। इसके लिए पुलिस हेडक्वार्टर को लिखा है। पूरा सिस्टम चेंज होता है। अभी कैमरे हैं, लेकिन यह ज्यादातर अपराध के उपयोग के लिए हैं। सिग्नल के कैमरे शुरू होने का फायदा मिलेगा।
पुलिस कंट्रोल रूम में देंगे सीसीटीवी का एक्सेस
सिग्नल पर कैमरे लगे हैं। इसकी ट्रेनिंग के लिए भोपाल से टीम आना है। पुलिस कंट्रोल रूम से इनका एक्सेस दिया जाएगा। – विष्णुकांत सोनी, प्रोजेक्ट मैनेजर, ट्रैफिक सिग्नल(साभार र्दैनिक भास्कर )