झाबुआ

प्रभु श्री गोवर्धननाथजी ने बगीचे में विराज कर खेला फाग

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झाबुआ- शहर के मध्य स्थित प्राचीन प्रभु श्री गोवर्धननाथजी की हवेली मैं बसंत पंचमी से निरंतर फाग उत्सव चल रहा है इसके तारतम्य में होली से पूर्व होने वाले बगीचा उत्सव आज बगीचा तेरस के दिन मनाया गया। सर्वप्रथम प्रातः काल प्रभु श्रीजी को केसर ,चंदन आदि से अभ्यंग कराया तत्पश्चात बगीचे की भावना अनुसार प्रभु को सोने का मुकुट, केसरी काछनी और वनमाला का श्रृंगार धराया। डोल तिबारी में वैष्णवो द्वारा आशापाला के पत्तों, फल – फूलों द्वारा सुंदर बगीचा सजाया गया। जिसके उपरांत प्रभु को बगीचे में पधरा कर विधिवत चोवा, चंदन, अरगजा , अबीर, गुलाल एवं फूलों से फाग खिलाया। उसके पश्चात प्रभु की पिचकारी से सभी वैष्णवजनों पर टेसू के फूलों से निर्मित रंग का छिड़काव एवं पोटली में अबीर गुलाल भरकर उड़ाया गया। कीर्तनया मंडली द्वारा फाग के कीर्तन ,धमार एवं मधुर रसिया का गायन प्रभु सम्मुख किया गया। भक्ति से सराबोर वातावरण छा गया एवं सभी वैष्णव रसिया पर नृत्य करने से एवं जयकारो से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।अंत में मुखियाजी द्वारा प्रभु श्रीजी की महामंगल आरती उतारी गई। प्रतिदिन सायंकाल 7:00 बजे शयन दर्शन में फाग खेला जा रहा है जिसके अंतर्गत प्रभु सन्मुख मशाल पर राल उड़ाई जाती है एवं अलग-अलग स्वांग रचकर प्रभु को रिझाया जाया जाता है।


45 दिवसीय फाग उत्सव का डोलोत्सव के दिन होगा समापन – उक्त विषय में मंदिर समिति द्वारा जानकारी दी गई कि प्रधान पीठ नाथद्वारा अनुसार होलीका प्रदीपन 7 मार्च मंगलवार को सूर्योदय पूर्व प्रातः 5:30 बजे किया जावेगा एवं अगले दिन डोलोत्सव (धुरेण्डी) मनाया जाएगा। डोल के दर्शन प्रातः 11:00 बजे खुलेंगे उसके पश्चात फागोत्सव का समापन होगा। मंदिर मंडल द्वारा भक्तजनों से आव्हान किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर ठाकुर जी के संग फाग का आनंद लें।

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