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प्रकृति के प्रकोप ने किसानों को रुलाया, ओलों और बारिश से फसलें हुईं खराब

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प्रकृति के प्रकोप ने किसानों को रुलाया, ओलों और बारिश से फसलें हुईं खराब

वर्षा और ओलों से फसलें प्रभावित, सर्वे की मांग उठी। प्रभावित किसानों ने की नुकसानी का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग।

 रतलाम। मौसम के बदले मिजाज ने जिले में किसानों की मेहनत, उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ओलावृष्टि से जिले में कई किसानों की खेतों में पककर तैयार और काटकर रखी फसल खराब हो गई। इससे किसानों के मुंह आया निवाला छीन गया। मौसम साफ रहने पर किसान परिवार के साथ बची हुई फसल को समेटने में जुटे रहे। ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने शासन–प्रशासन से नुकसानी का आकलन कराकर मुआवजा देने की मांग की है।

जिले में शनिवार से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सोमवार दोपहर में ओलावृष्टि ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया। ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी व काटकर रखी फसलों में काफी नुकसान पहुंचा। इससे कई किसानों की आंखों से आंसू निकल आए।

सर्वे के लिए खेतों में पहुंचे अधिकारी

वर्षा और ओलावृष्टि से ग्रामीण अंचल के दर्जनों गांव में फसलों को नुकसान पहुंचने की शिकायत पर विधायक दिलीप मकवाना ने तत्काल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से चर्चा की। इसके बाद प्रशासनिक अमला मंगलवार सुबह से ही सर्वे के लिए खेतों में पहुंच गया। विधायक ने बताया कि ओलावृष्टि से रतलाम के समीप कालूखेड़ी गांव में गेहूं, चना, लहसुन और प्याज की फसलों में भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त अन्य गांव में भी फसलों को नुकसान हुआ है।

किसानों ने बताया कि दोपहर के बाद शाम चार बजे नींबू के आकार के ओले गिरे। अचानक बर्फ के रूप में आसमानी आफत से किसानों की अच्छी फसल की उम्मीद टूट गई। फसलों में नुकसानी का आकलन करने के लिए एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, विधायक प्रतिनिधि धर्मेंद्र पाटीदार द्वारा सर्वे किया गया। जानकारी योगेश मालवीय ने दी।

आलोट। प्रकृति के प्रकोप ने एक बार फिर किसानों को रुला दिया है। सोमवार शाम व रात्रि में आंधी, वर्षा और ओलों के कारण क्षेत्र के कई गांवों में फसलें प्रभावित हुई हैं। क्षेत्र के बरखेड़ा कलां, दूधिया, माऊखेड़ी, कलसिया सहित कई गांवों में आंधी, बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि से गेहूं, रावा, धनिया की फसलें आड़ी पड़ गई। किसानों का कहना है कि खेतों में तेज हवा के कारण आड़ी पड़ी फसलों में नुकसान अधिक होगा।

पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह सोलंकी ने किसानों के साथ माऊखेड़ी में प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया। कलेक्टर से सर्वे कराकर किसानों को राहत पहुंचाने की मांग की। कांग्रेस नेता उल्फतसिंह परिहार ने कहा कि ग्राम कलसिया में सबसे ज्यादा गेहूं की फसलों में नुकसान हुआ है। तेज हवा के साथ ओले भी गिरे। शासन को तत्काल सर्वे करवाकर किसानों को राहत देना चाहिए। माऊखेड़ी के किसान चंद्रसिंह गुर्जर, नागूसिंह आंजना ने बताया कि गांव में तेज हवा और ओलावृष्टि से गेहूं, रावा और धनिया की फसल प्रभावित हुई हैं।

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