RATLAM

विश्‍व जेस्‍टेशलन डायविटीज माईलाईटिस दिवस पर गर्भवती माताओं में डायविटीज की जॉच की गई

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विश्‍व जेस्‍टेशलन डायविटीज माईलाईटिस दिवस पर

गर्भवती माताओं में डायविटीज की जॉच की गई

रतलाम   जिले में विश्‍व  जी डी एम दिवस स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा जपाइगो संस्था के तकनीकी सहयोग से मनाया गया।  इस अवसर विभिन्न गतिविधियां एवं जीडीम का पता लगाने के लिए होने वाली ओजीटीटी जांच एवम फॉलोअप जांच के बारे में जागरूकता अभियान का आयोजन जिला स्तर पर एमसीएच अस्पताल एवम जिले की समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं पर भी आयोजित किया गया।

शहरी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र हाकिमवाड़ा पर जेस्‍टेशलन डायविटीज माईलाईटिस दिवस मनाया गया जिसमे गर्भवती महिलाओ की जांच मेडिकल ऑफिसर डॉ. फुजेल अहमद द्वारा की गई जिसमे एमपीएस नईम खान और सभी स्टाफ उपस्थित था।

इस अवसर पर स्‍त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता शर्मा एवं डॉ. सोनल ओहरी द्वारा जानकारी दी गई कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज होने का खतरा रहता है इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य संस्थाओं पर आवश्यक रूप से जीडीएम की जांच करवाने एवं अन्य महिलाओं को जागरूक किया जाना आवश्‍यक है। इस दौरान एमएसीएच अस्‍पताल में 26 गर्भवती माताओं में जीडीएम की जॉच की गई एवं आवश्‍यक परामर्श  प्रदान किया गया।

बताया गया कि जेस्टेशनल डायबिटीज मेलाइटिस 100 में से 10 गर्भवती महिलाओं को हो सकता है। इसकी पहचान गर्भावस्था के दौरान होने वाली जाँचो के साथ बहुत आसानी से की जा सकती है यह जाँच सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के समय डायबिटीज होता है उनमें से 50 प्रतिशत को अगले 5 से 10 सालो में डायबिटीज हो सकता है। इन महिलाओं के शिशुओं में आगे चल कर डायबिटीज होने का खतरा सामान्य शिशु की तुलना में 8 गुना ज्यादा होता है । शिविर के दौरान नर्सिंग ऑफिसर श्रीमति भावनाश्रीआशीष चौरसिया मीडिया अधिकारीश्रीमती सरला वर्मा उप मीडिया अधिकारी एवं अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

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