झाबुआ

झाबुआ का कवि डॉ रामशंकर चंचल जिसके लाखों की संख्या में वीडियो सुने गये

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झाबुआ का कवि डॉ रामशंकर चंचल
जिसके लाखों की संख्या में वीडियो सुने गये
मध्य प्रदेश का अद्भुत अविरल साहित्य साधक एकमात्र देश का ऐसा नाम जो आज किसी भी परिचय का मोहताज नहीं जिसके स्वर में रचनाओं के वीडियो लाखों की संख्या में सुने गये और प्रति दिन हजार मै सुने जाते है अद्भुत रूप से पूरे विश्व स्तर पर छाया है साहित्य साधक मध्य प्रदेश के पिछड़े आदिवासी  आंचलिक झाबुआ में जन्मा के सहज सरल साहित्य धनी है जिसने अपना पूरा जीवन हिन्दी और साहित्य की सेवा में लगा आज देश में अपनी नई कविता और लधु कथाओं से पूरे विश्व में हिन्दी रचनाओं की साथ आदिवासी जिले झाबुआ की पताका फहराने वाला सचमुच कमाल की खूबसूरत हस्ती है जिसके लाखों चाहने वालों के प्रतिदिन फोन आते हैं पर एक बेहद सुखद चोकने वाला यह है कि डॉ चंचल सालों से कोई फोन न उठाते है न कभी किसी को करते हैं उनका कहना है इतना समय मुझे मिलता ही नहीं मे जीवन को बेहद व्यस्त रखता हूँ तब तक नहीं सोता जब तक थक नहीं जाता हूँ चालीस सालों से पुरी रात  जगता हुँ सुबह जब लगता हैं बहुत नींद आ रही हैं तो सो जाता हूँ अधिक से अधिक तीन घण्टे बस सचमुच उनकी सालों की अथक परिश्रम का लगन और निष्ठा का यह बेहद सुखद परिणाम है कि आज पूरे विश्व स्तर पर अपनी पताका फहराने के साथ देश को भी गर्व महसूस करने का सुखद अवसर दिया है पुरस्कारों, सम्मान, आदि से कोसों दूर साहित्य सेवा को ही मानवता धर्म के साथ निभाते जीवन से बेहद खुश और प्रसन्न रहने वाले सदा ही उनका मनाना है सदा ही खुश रहना ही ईश्वर की सबसे बड़ी साधना है।

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