झाबुआ – सरकार ने पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पंचायत एक्सटेशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट (पेसा) लागू किया है। पेसा के तहत अलग अलग समितियों बनाना है। समितियां बनाने में कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के कुशल नेतृत्व से झाबुआ जिला आज की स्थिति में नंबर वन है। आदिवासी बहुल होने से छोटे-छोटे विवादों में हत्याएं तकहो जाती है। विवादों में पंचायतों का दखल नहीं होता था। अब पंचायतों के दखल से विवाद पर लगाम लगने के साथ ही मामले भी पंचायतों में सुलझने लगे है , साथ ही लाडली बहना की जानकारी दी जा रही है , जिले 774 पंचायतों में पेसा एक्ट लागू है। जहां पर तमाम समितियां भी बन गई है , कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि पंचायतों में जागरूकता आई है। पंचायतों में अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एक्ट का क्रियान्वयन बेहतर तरीके हो रहा है , सरकार द्वारा लागू की गई लाड़ली बहना में पंचायतों में पहुंचकर फार्म भरने का कार्य तेज गति से प्रारंभ हो चुका है ।
ये है पेसा कानून ऐसा कानून का पूरा नाम पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट है 1986 में पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार करते हुए पैसा कानून की शुरुआत हुई। आसान भाषा में समझें तो इस कानून की तीन प्रमुख बातें हैं। जल, जंगल और जमीन का अधिकार इस कानून के जरिए दिया है। इस अधिकारों के तहत आदिवासियों को मजबूत बनाने की बात कही गई है ।