प्रदेश की ए ग्रेड मंडी में जगह नहीं: अन्नदाता बाहर फोरलेन पर लेटे
रतलाम। माधवराव सिंधिया कृषि उपज मंडी रतलाम में गेहूं आवक बढऩे लगी है। त्यौहारों की छुट्टी के बाद गेहूं की 1400 ट्राली पहुंची, 200 से अधिक ट्राली मंडी गेट के बाहर ही रोक दी गई, किसानों को बताया गया कि मंडी में जगह नहीं है। मंडी की अंदर की बात करें तो मंडी सचिव कार्यालय के सामने किसानों के लिए बनाए गए प्लेटफार्मों पर व्यापारियों महिनों से खरीदा हुआ माल जमा रखा है, जो नोटिस के बाद भी हटाया नहीं जाता।मिली भगत का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसान मजबूरीवश दोपहरी फोरलेन पर खड़ी गेहूं से भरी ट्रालियों के निचे लेटकर अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे थे। मंडी नियम के विरूद्ध नीलामी के बाद किसानों की ट्राली गोदामों पर पहुंचाई जा रही है, जबकि नीलामी के बाद तौल और भुगतान भी मंडी में ही किया जाए, शासन के नियम है।
किसानों ने कहा इसलिए बाहर लेटे है
नेगड़दा और खाचरोद से आए किसान मुन्नालाल राठौड और राधाकिशन धाकड़ ने बताया कि मंडी के अंदर जगह नहीं है, इसलिए बाहर रोड़ पर ट्राली के निचे लेटना पड़ रहा है। बता रहे है कि 1400 के करीब ट्राली है अंदर, हर दिन 400 के करीब नीलाम हो रही है। इस मान से तीन दिन में नंबर आने की संभावना है। आज का तो खाना घर से ले आए थे, अब देखते है आगे कहां से व्यवस्था होती है।
गोदामों पर गेहूं की ट्राली जाना
रतलाम मंडी में नियम विरूद्ध कार्य हो रहा है। नीलामी के बाद बाहर व्यापारियों के गोदामों पर गेहूं भरी ट्रालियां धड़ल्ले से तौली जा रही है। मिली भगत के कारण इसका नुकसान किसानों के साथ हम्मालों एवं तुलावटियों का उठाना पड़ रहा है। गेट पर तैनात मंडी के जिम्मेदारों के सामने हर दिन 200-300 ट्राली नीलामी के बाद गोदामों पर तौल के लिए पहुंचाई जा रही है। मंडी से बाहर जा रही ट्रालियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर मंडी हम्माल व तुलावटियों ने पिछले सप्ताह मंडी सचिव को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन वह भी जिम्मेदारों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया।
फैक्ट फाइल
1200 ट्राली गेहूं आवक।
444- ट्राली नीलाम की।
756- ट्राली शेष बच गई।
200- से अधिक ट्राली बाहर गई।
कैसे रोके ट्राली बाहर जाने से
आवक बढऩे के कारण आज ही ट्रालियों की बाहर लाइन लगी थी। मंडी में 1400-1500 ट्राली की क्षमता है। 700-800 नीलाम हुई। जगह ही नहीं है मंडी में तो क्या करें, कैसे रोके बाहर जाने से। फिर भी कुछ व्यापारियों को रोक रहे हैं।
एमएस मुनिया, सचिव, कृषि उपज मंडी, रतलाम( पत्रिका से साभार)