झाबुआ

आओ पता लगाए:- स्वास्थ्य विभाग में कोरोना काल के दौरान यात्रा भत्ता के नाम पर लाखों की राशि किस-किस के जेब में गई…..?

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झाबुआ – जिले में स्वास्थ्य विभाग की लचीली कार्यप्रणाली और मनमाने रवैए के कारण शासन को लाखों रुपए की हानि हो रही है विभाग में मनमाने तौर पर सामग्री खरीदी की जा रही है और वह भी हैकिंग पद्धति के माध्यम से । वही कोरोना काल से अब तक सामग्री खरीदी के बिलों की जांच की जाए, तो एक बड़ा घोटाला के उजागर होने की संभावना है । सूत्रों के अनुसार जब देश में कोरोना काल के दौरान पूरा देश बंद था तथा संपूर्ण रूप से लॉकडाउन था तथा इस दौरान बस यात्रा, हवाई ट्रेन ,हवाई जहाज यात्रा या हवाई यात्रा या अन्य यात्राएं पूर्ण रूप से बंद थी । लाकडाउन के कारण हजारो लाखो घरो मे खाने के लाले पड़ गए थे तथा आम जनता द्वारा आर्थिक रूप से एक दूसरे को मदद करने का प्रयास भी किया जा रहा था । तब वही हमारे झाबुआ के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस आपदा के समय को अवसर मे बदलने का प्रयास किया और जिले में कोरोना कॉल के दौरान यात्रा भत्ता के नाम पर लाखों रुपए के बिल लगाए गए और संभवतः राशि का भूगतान किया गया । संभवतः दोनों ही कोरोना कॉल में आपदा को अवसर में बदलते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रा भत्ता के नाम पर लाखों रुपए के भुगतान किए गए ,जो कि जांच का विषय है । ऐसा अनुमान हैं संभवतः सूत्रों के अनुसार करीब इन दोनों ही कोराना काल में 50 लाख से अधिक की राशि यात्रा भत्ता के नाम पर भुगतान की गई । वही इस तरह की आर्थिक अनियमितता को लेकर शहर के दो जागरूक युवाओं ने तत्कालीन कलेक्टर को शिकायती आवेदन भी किया और जांच की मांग भी की थी । तत्कालीन कलेक्टर सोमेश मिश्रा द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया और जांच कमेटी भी बनाई गई तथा जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन उसके बाद आज तक उस फाइल से धूल नहीं हटी ,यह भी चिंतनीय हैं । सूत्रों के अनुसार अब यह फाइल पुनः जिले की ईमानदार कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के टेबल पर जांच व कारवाई हेतु प्रेषित हैं । वही जिलेवासी भी ईमानदार कलेक्टर की कार्यप्रणाली और छवि से प्रभावित हैं । जिले वासियों को काफी उम्मीदें हैं कि निष्पक्ष व ईमानदार कलेक्टर द्वारा संभवत इस फाइल पर बिना किसी दबाव के जांच व कार्रवाई् करेगी । तथा किन किन अधिकारियों / कर्मचारियों ने आपदा को अवसर में बदला हैं । उसका भी खुलासा होगा, ऐसी संभावना हैं । वही जांच रिपोर्ट के आधार पर जांच में दोषी पाए जाने पर ईमानदार कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जावेगी , ऐसी आम जनता को उम्मीद है । आओ पता लगाए :- कोरोना काल के दौरान यात्रा भत्ता के नाम पर लाखों की राशि किस किस के जेब में गई…….?

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