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खजूर की चटनी में सर्व होती है क्रिस्पी आलू टिक्की:’सतीश की टिक्की’ का 50 साल से एक जैसा टेस्ट; 25 पैसे से 70 रुपए की हुई

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खजूर की चटनी में सर्व होती है क्रिस्पी आलू टिक्की:’सतीश की टिक्की’ का 50 साल से एक जैसा टेस्ट; 25 पैसे से 70 रुपए की हुई
दिव्यराज सिंह राठौर। रतलाम

जायके के सफर में इस बार बात रतलाम के ‘लाला सतीश चाट सेंटर’ की। इस दुकान को 50 साल हो गए हैं। टेस्ट अब भी वही पुराना है। यहां की आलू की टिक्की दिल्ली-मुंबई से लेकर विदेशों में जा बसे स्वाद के शौकीनों की पहली पसंद है। इसे और भी खास बनाती है खजूर की चटनी। पत्ते के दोने में इसे सर्व किया जाता है। इससे खाने का मजा दोगुना हो जाता है। चाट खाने के बाद कस्टमर्स को यहां हींग-जीरे का पानी पिलाया जाता है।

50 साल पहले सतीश कसेरा 25 पैसे में एक आलू की टिक्की ठेले पर घूम-घूमकर बेचा करते थे। आज कीमत 70 रुपए हो चुकी है। सतीश कसेरा परिवार की तीन पीढ़ियों से संचालित की जा रही इस दुकान पर चवले, मूंग की दाल से बने दही बड़े और 15 तरह के पानी फ्लेवर में पताशे (पानी पुरी) खाने वालों की लाइन लगी रहती है।

लाला सतीश चाट सेंटर पर शाम होते ही भीड़ बढ़ने लगती है। रतलाम के दो बत्ती चौराहे पर पहुंचते ही देसी घी में टिक्की तले जाने की महक आपको इस दुकान का पता बता देगी। चाट खाने के बाद कस्टमर्स को यहां हींग-जीरे का पानी भी पिलाया जाता है।

लाला सतीश चाट वाले की कहानी

लाला सतीश चाट सेंटर अब अभिषेक कसेरा चलाते हैं। उन्होंने बताया, दादा सतीश जी कसेरा ने 50 साल पहले इस दुकान की शुरुआत की थी। आलू टिक्की उत्तर भारत की डिश है। इसे तेल में तला जाता है, लेकिन दादा ने नया प्रयोग करते हुए इसे देसी घी में तलना शुरू किया। खास तरह की चटनी और मसालों के इस्तेमाल से उनकी इस डिश को पसंद किया जाने लगा। शुरुआत में वह हाथ ठेले पर दुकान चलाते थे। उनकी इस डिश का USP (यूनिक सेलिंग पॉइंट) था खास तरह का मसालेदार स्वाद, देसी घी में क्रिस्पी टिक्की और खजूर की चटनी। धीरे-धीरे यह आलू टिक्की रतलाम के जायके की एक पहचान बन गई।

तीसरी पीढ़ी संभाल रही कारोबार

अभिषेक कसेरा बताते हैं, 50 साल और 3 पीढ़ियों से इस दुकान को चला रहे हैं। आलू टिक्की को बनाने के लिए विश्वसनीय ब्रांड का देसी घी इस्तेमाल किया जाता है। चटनी और दूसरे मसाले भी अच्छी क्वालिटी के यूज करते हैं। यहां चाट के साथ दी जाने वाली चटनी इमली की न होकर, अमचूर और खजूर से बनी होती है। गरमा गरम आलू टिक्की चाट को खाकरे के पत्तों से बने दोने में परोसा जाता है। यह ईको फ्रेंडली तो है ही, साथ ही दोने में खाने पर एक अलग ही जायका लोगों को महसूस होता है।

लाला सतीश चाट सेंटर पर लोग आलू की टिकिया ही नहीं, पानी पुरी भी खाने पहुंचते हैं। लौंग, लस्सी, रायता जैसे 15 फ्लेवर के पानी में लोगों को पानी पुरी सर्व की जाती है। चवले, मूंग की दाल से बने दही बड़े भी लोग पसंद करते हैं।

विदेश जा चुके लोग भी नहीं भूलते यहां का टेस्ट

आलू टिक्की का स्वाद ऐसा है कि रतलाम से दूसरे बड़े शहरों और विदेशों में जा बसे लोग भी यहां का स्वाद नहीं भूलते हैं। रतलाम आने पर दो बत्ती स्थित लाला सतीश चाट सेंटर पर जरूर पहुंचते हैं। कुवैत में रहने वाले हुजैफा अकबर अली और अनेफिया इस खास आलू टिक्की का स्वाद लेने दुकान पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें इसका स्वाद कुवैत में भी याद आता है, इसलिए जब भी रतलाम आते हैं, यहां जरूर पहुंचते हैं। इस बार 1 महीने में तीन से चार बार उन्होंने और परिवार ने आलू टिक्की को लुत्फ उठाया है।

कुवैत में बस चुके हुजैफा कहते हैं कि यहां की आलू टिक्की का टेस्ट शब्दों में बयान नहीं कर सकता। कुवैत में इसे मिस करते हैं। रतलाम की ही प्रमा ममतानी बताती हैं कि वे यहां 35 साल से आ रही हैं। क्वालिटी में कोई फर्क नहीं है। परिवार के बाकी लोग भी चाट खाने सतीश चाट सेंटर ही आते हैं।

सेलिब्रिटी, नामचीन पत्रकार और फूड ब्लॉगर भी दीवाने

फिल्मी दुनिया से जुड़े सेलिब्रिटी और बड़े पत्रकार भी रतलाम के इस खास जायके के दीवाने हैं। वेब सीरीज की शूटिंग के सिलसिले में रतलाम पहुंचे फिल्म अभिनेता आशीष विद्यार्थी भी यहां की तारीफ कर चुके हैं। वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ भी यहां की आलू टिक्की चाट को उम्दा बता चुके हैं। देश के मशहूर फूड ब्लॉगर भी यहां के जायके को अपने शो में शामिल कर चुके हैं। इतना ही नहीं, रतलाम रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले यात्री भी रिश्तेदारों से आलू की टिक्की की डिमांड जरूर करते हैं।

एक्टर आशीष विद्यार्थी के साथ शॉप ऑनर नितेश कसेरा। आशीष वेब सीरीज की शूटिंग के सिलसिले में रतलाम पहुंचे थे।

दूसरे फूड प्रोडक्ट भी हैं यूनिक

अपने खास स्वाद और गुणवत्ता के लिए मशहूर सतीश चाट सेंटर में हर प्रोडक्ट स्वाद से भरपूर और यूनिक है। कसेरा परिवार के वरिष्ठ सदस्य मनीष कसेरा बताते हैं कि स्वच्छता और गुणवत्ता से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। अलग-अलग स्वाद वाली पानी पुरी भी खिलाई जाती है। इसमें हींग, जीरा, अदरक, मिर्ची, पुदीना, लस्सी, मैगी मसाला जैसे कई अलग-अलग स्वाद की पानी पुरी सर्व की जाती है।

( दैनिक भास्कर से साभार)

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