झाबुआ

शहीद दिवस के तत्वाधान में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजनब्लड डोनेशन टीम 24×7 थांदला करेगी आयोजनवरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मनीष दुबे से विशेष चर्चाहमारे देश की आबादी का केवल 37 प्रतिशत लोग ही रक्तदान करने योग्य है लेकिन उनमें से भी 10 प्रतिशत से कम लोग हर साल ब्लड डोनेट करते हैं. ब्लड प्रकृति द्वारा हमे दिया गया सबसे मूल्यवान उपहार है. हम इसके माध्यम से लोगों की कई तरह से मदद कर सकते हैं.

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थांदला (वत्सल आचार्य) 23 मार्च को शहीद दिवस के उपलक्ष्य में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया जा रहा है | ब्लड डोनेशन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में थांदला और आसपास के कई मरीजों को दाहोद रेफर किया जाता है जहा प्रतिदिन ब्लड की जरूरत होती है वहीटीम के सदस्यों का प्रतिदिन जाना संभव नहीं हो पाता इसलिए रेडक्रास दाहोद टीम की मदद से वहा उन मरीजों की ब्लड की पूर्ति की जाती है, अभी वहा बढ़ते मरीजों के कारण रेडक्रास भी ब्लड पूर्ति करने में असमर्थता जाहिर कर रहा है इसलिए उनकी मदद हेतु ब्लड डोनेशन टीम द्वारा एक कैंप का आयोजन किया जा रहा
ताकि हमारे यहाँ से जाने वाले मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े
ब्लड डोनेशन टीम ने मीडिया के माध्यम से अपील की हे की अधिक से अधिक संख्या में महिला पुरुष पधारकर ब्लड डोनेशन टीम के कैंप को सफल बनावे।
इस संदर्भ में जब हमने सिविल हॉस्पिटल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मनीष दुबे से ब्लड डोनेट के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि जब किसी अपने का जीवन खतरे में हो तब रक्त की महत्ता समझ में आती है। आज हमारे द्वारा किया गया रक्तदान किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने में सहायक होगा। रक्त के लिए कभी किसी का जीवन समाप्त न हो इस बात की जिम्मेदारी हम सब पर है। श्री दुबे सर ने आगे कहा कि सभी लोगों को जागरूक करें और समय-समय पर सभी को रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान महादान है। एक व्यक्ति रक्तदान कर किसी जरूरतमंद लोगों की जान बचा सकता है और जाने अनजाने व्यक्ति से खून का रिश्ता बन जाता है। आपके रक्त की एक यूनिट से तीन मरीजों की जान बच सकती है। तो मरीजों की जान बचाने के लिए रक्तदान करिए। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति द्वारा दान किया गया रक्त शरीर में फिर से 24 घंटे में बन जाता है। इससे शरीर पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

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