झाबुआ

केसरिया झंडा थामे ……जय जय जयसिया राम के जयकारों और दीपोत्सव व आतिशबाजी के साथ शहरवासियों ने नववर्ष का आगाज किया …..

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झाबुआ – गुड़ी पड़वा हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए भारत में विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा ने सूर्योदय होने पर सबसे पहले चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि की संरचना शुरू की थी। उन्होने इसे प्रतिपदा तिथि को प्रवेश अथवा सर्वोत्तम तिथि कहा था। इसलिये इसको सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहा जाता है। जिसे गुड़ी पड़वा द्वारा चिह्नित किया जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम, रावण को पराजित करने और इस दिन अपना 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद भी अयोध्या लौटे थे। शहर में भी गुड़ी पड़वा पर हिंदू नव वर्ष उत्सव समिति के तत्वाधान में अल सुबह प्रभात फेरी, शाम को दीपोत्सव व आतिशबाजी के साथ शहरवासियों ने नववर्ष का आगाज किया ।

हिंदू नव वर्ष उत्सव समिति के आह्वान पर शहर में गुड़ी पड़वा पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ , मैत्री व प्रेम के साथ मनाया गया । सर्वप्रथम सुबह समिति के आह्वान पर सुबह करीब 7:30 बजे प्रभात फेरी प्रारंभ हुई । इस प्रभात फेरी में प्रथम पंक्ति पर मात्र शक्तियां केसरिया ध्वज थामे हुए, जय जय सियाराम के जयकारों के साथ ……नववर्ष का आगाज करते हुए दिखाई दी । अगली पंक्ति में शहर के गणमान्य नागरिक , समाजसेवी , राजनीतिक तथा हिंदू धर्म के अनुयायी मुख्य रूप से इस प्रभात फेरी का हिस्सा बने । युवाओं की टोलियां भी विशेष ड्रेस कोड में इस प्रभात फेरी में भक्ति करते हुए भी नजर आई । यह प्रभात फैरी शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए पुनः राजवाड़ा चौक पर समाप्त हुई । इस प्रभात फेरी के दौरान आमजन ने शहर वासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं और बधाइयां भी प्रेषित की । पश्चात समिति के आह्वान पर शाम को करीब 7.30 बजे राजवाड़ा चौक पर सत्यनारायण मंदिर के बाहर प्रांगण में दीपोत्सव कार्यक्रम रखा गया । इस दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत वनवासी कल्याण परिषद अध्यक्ष मनोज अरोरा व गंधवानी विधानसभा प्रभारी व भाजपा नेता शैलेश दुबे ने की । इस दीपोत्सव कार्यक्रम में वार्ड पार्षद रेखा शर्मा व भाजपा कार्यकर्ता नाना राठौर के साथ युवाओं का विशेष सराहनीय सहयोग रहा । इस दीपोत्सव को एक स्वस्तिक आकार भी दिया गया जिसकी रोशनी से वह प्रांगण जगमगा उठा । इसके पश्चात करीब 8:30 आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ रंग-बिरंगे पटाखों से आकाश जगमगा उठा तथा पटाखों की आवाज से मानो ऐसा प्रतीत हुआ कि शहर में दीवाली उत्सव है । करीब 10:00 बजे तक आतिशबाजी का दौर लगातार जारी रहा और इसे देखने के लिए शहरवासी राजवाड़ा के आसपास एकत्रित भी हुए । हिंदू नव वर्ष उत्सव समिति के आह्वान पर प्रभात फेरी ,दीपोत्सव व आतिशबाजी कार्यक्रम को लेकर शहरवासियों ने भूरी भूरी प्रशंसा की ।

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