झाबुआ

प्रांतीय आव्हान पर जिले के पटवारियो ने तीन सुत्रीय मांगो पर प्रमुख सचिव के नाम SDM ko सौपा ज्ञापन

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प्रांतीय आव्हान पर जिले के पटवारियो ने तीन सुत्रीय मांगो पर प्रमुख सचिव के नाम SDM ko सौपा ज्ञापन

झाबुआ ~~मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आव्हान पर आज झाबुआ मे पटवारियो ने अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश मुलेवा के नेतृत्व मे >kcqvk vuqfoHkkxh; vf/kdkjh Jh lquhy >k को प्रमुख सचिव राजस्व के नाम ज्ञापन सौपकर अपनी मांगो  और समस्याओ के निराकरण की मांग की गई।

श्री मुलेवा ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांगो को लेकर ज्ञापन सौपा गया है-

1-कृषि संगणना :- यह कृषि विभाग की योजना होकर पटवारियों द्वारा इस संगणना का कार्य संपादित किया जाता है। इस कार्य हेतु पटवारी को मानदेय प्रदान किया जाता है। किंतु बडे खेद का विषय है कि, विगत दो कृषि संगणना का दस वर्षों से पटवारियों को भुगतान नहीं किया गया है। इस हेतु समय समय पर संघ द्वारा शासन को अवगत कराया गया किंतु पटवारियों को शासन से निराशा ही हाथ लगी। उसके उचित परिश्रम की राशि भी नहीं मिली जो उसका हक है। इसी प्रकार लघु सिंचाई संगणना के कार्य का मानदेय भी प्रदेश को पटवारियों को आज तक नहीं मिला है। वर्तमान मे कृषि संगणना का कार्य आनलाईन होकर मोबाइल के माध्यम से किया जाना है। जो शासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराए गये है। विगत पांच-छः वर्ष पूर्व उपलब्ध कराए गये सस्ते एवं निम्न कीमत के मोबाइल अब उपयोग हीन होकर खराब हो चुके है। अतः कृषि संगणना कार्य हेतु आवश्यक संसाधन मोबाइल उपलब्ध कराए जावे ताकि उक्त योजना कार्य संपादित किया जा सके।

  1. लाड़लीबहना योजना :- यह योजना मुख्य रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना होकर उनके विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही मुख्य रूप से कार्य संपादित किया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश के पटवारी वांछित सहयोग हेतु तत्पर है। किंतु कपितयजिलोमे इस कार्य हेतु पटवारियों को मुख्य जिम्मेदारी सौपकर उनकी आयडी से कार्य संपादित करने हेतु बाध्य किया जा रहा है। अतः इस प्रकार के मुख्य कार्यों से पटवारियों को मुक्त रखा जाए।

3- सीपीसीटी परीक्षा की बाध्यता :- प्रदेश के अधिकांशतः पटवारियों द्वारा यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली गई है। किंतु कपितय नवीन पटवारी साथियों द्वारा अपरिहार्य कारणों से यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की गई है। जिसके संबंध में पूर्व मे भी समस्या आने पर प्रांताध्यक्ष द्वारा माननीय राजस्व मंत्री महोदय एवं श्रीमान आयुक्त भूअभिलेख ग्वालियर को अवगत कराने पर दोनों के ही द्वारा आश्वस्त किया था कि, सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण ना होने की बाध्यता के आधार किसी भी पटवारी को सेवा से पृथक नहीं किया जावेगा। किंतु प्रदेश की कपितय तहसीलो मे नवीन पटवारी साथियों को सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण ना होने के आधार पर सेवा से पृथक करने संबंधित सूचना पत्र जारी कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। अतः उक्त संबंध मे आदेश प्रसारित कर पटवारियों को मानसिक वेदना से मुक्त किया जावे।

 

श्री मुलेवा ने कहा कि मध्य प्रदेश का पटवारी बिना अवकाश के सातो दिन चैबीस घंटे काम करते है। अपने विभागीय कार्यो के अतिरिक्त 51 अन्य विभागो का काम भी पटवारी के द्वारा किया जाता है इसके अतिरिक्त कानून व्यवस्था तो निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य मे भी पटवारियो की डयूटी लगाई जाती है किन्तु उनकी समस्याओ और मांगो पर शासन स्तर से आज दिनांक तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नही की गई है जिससे प्रदेश सहित जिले के पटवारियो मे घोर निराशा और आक्रोश व्याप्त है] शासन से हमारी अपेक्षा है कि हमारी उक्त न्यायोचित मांगो पर गंभीरतापूर्वक विचार कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जायेगे।

इस अवसर पर पटवारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश मुलेवा, प्रांतीय प्रवक्ता ठाकुर सिंह भूरिया, तहसील अध्यक्ष नानूराम मेरावत, संघर्ष समिति के निलेश अखाडे, पूजा ओसारी,सुनिता वसुनिया, महावीर दोहरे, अभय व्यास, ंअंजलि कटारा,सुरेन्द्र चैहान, ़़हेमलता बामनिया, करणसिंह बामनिया, वाÛूसिंह भूरिया, ऋ’िा जायसवाल, रंजना पÛारिया, अंजलि कटारा अर्जुन मेडा प्रियंका वाखला, रमेश मुवेल, सहित बडी संख्या मे पटवारी उपस्थित थे।

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