RATLAM

गोठड़ा गांव में माताजी की भविष्यवाणी:खंडित वर्षा होगी फसलों के मिलेंगे अच्छे दाम, राजनीतिक उठापटक होगी लेकिन नहीं बदलेगा राजा

Published

on

गोठड़ा गांव में माताजी की भविष्यवाणी:खंडित वर्षा होगी फसलों के मिलेंगे अच्छे दाम, राजनीतिक उठापटक होगी लेकिन नहीं बदलेगा राजा

रतलाम~~रतलाम जिले के समीप स्थित गोठड़ा गांव में आज मां महिषासुर मर्दिनी के मंदिर पर वार्षिक भविष्यवाणी का आयोजन किया गया। जहां पंडा जी के मुख से मां महिषासुर मर्दिनी की भविष्यवाणी की घोषणा की गई। भविष्यवाणी में कृषि और मौसम संबंधित भविष्यवाणी के साथ राजनीतिक उठापटक की भविष्यवाणी भी की गई है। माता की भविष्यवाणी में बताया गया कि इस वर्ष खंडित वर्षा होगी जिसकी वजह से किसानों को बोनी में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, वही वर्षा काल के आखिरी दौर में खूब बारिश होने की भविष्यवाणी भी माता ने की है। इस वर्ष चुनावी साल होने की वजह से कई लोगों के मन में राजनीतिक प्रश्न भी थे जिस पर गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी में राजनीतिक उठापटक और हेरफेर होने की बात कही गई है। लेकिन राजा नहीं बदलने की बात भी भविष्यवाणी में कहीं गई है।

दरअसल उज्जैन जिले की खाचरोद तहसील के गोठड़ा गांव में हर वर्ष मलेनी नदी के तट पर मां महिषासुर मर्दिनी की भविष्यवाणी का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता के इष्ट प्राप्त पंडित जी के मुख से माता स्वयं भविष्यवाणी करती है। इस भविष्यवाणी में खासकर कृषि, मौसम मुहूर्त और फसलों के दाम संबंधित सटीक भविष्यवाणी की जाती है। वर्षों से लोगों की इस भविष्यवाणी में गहरी आस्था है। यही वजह है कि केवल आसपास के जिलों से ही नहीं बल्कि गुजरात और राजस्थान से भी गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी सुनने के लिए श्रद्धालु और किसान यहां पहुंचते हैं।

चुनावी साल होने से नेता भी पहुंचे भविष्यवाणी सुनने

गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी में किसान, आम जनता से लेकर राजनेता भी पहुंचे है। खाचरोद विधानसभा के पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत और वर्तमान विधायक दिलीप गुर्जर अपने-अपने समर्थकों के साथ माता की भविष्यवाणी सुनने पहुंचे थे। माता की भविष्यवाणी में दोनों ही राजनेताओं ने अपनी गहरी आस्था व्यक्त की है। हालांकि राजनीतिक भविष्यवाणी के ऊपर दोनों ने अपने अपने अर्थ निकाले हैं। देश और प्रदेश के राजा बदलने के प्रश्न पर माता की भविष्यवाणी में यह कहा गया कि हेरफेर और उठापटक खूब होगी लेकिन राजा नहीं बदलेगा।

बहरहाल वर्षों से चली आ रही इस भविष्यवाणी की परंपरा में लोगों की आस्था इतनी है कि हर बार नवमी के दिन होने वाले इस आयोजन में हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।

Trending