झाबुआ

खजूर रविवार पर समाजजन खजूर की डालियां लिए हुए जयघोष के गीत गा रहे थे….

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हे सियोन गाओ ईश्वर की महिमा हे येरुसलेम गाओ ईश्वर की महिमा
झाबुआ | चालीसे का आज अंतिम रविवार जिसे केथोंलिक ईसाई समुदाय खजूर रविवार के नाम से पुकारता है आज सम्पूर्ण विश्व मे लोगों ने येसु का येरुसलेम मे भव्य प्रवेश याद कर उनकी मृत्यु के पहले की घड़ियों को स्मरण करते हुवे गिरजा घरों मे प्रवेश किया! न्यू केथलिक मिशन स्कूल झाबुआ में लगभग 3 हजार लोग एकत्रित हुवे! अपने हाथों मे खजूर की डालियां लिए हुए जय घोष के गीत गा रहे थे! प्रारंभिक प्रार्थना मुख्य याजक फादर लूकस डामोर के द्वारा की गई! फादर रॉकी शाह ने सुसमाचार का वाचन किया और फादर प्रताप बारिया ने अपना एक शंक्षिप्त उपदेश दिया! स्कुल प्रांगण से जुलुस मे बच्चे बूढ़े महिलाएं पुरुष सभी ईश्वर की स्तुति करते हुए गिरजा घर मे प्रवेश कर पवित्र मिस्सा बलिदान मे भाग लिया! पहला पाठ बंटी सिंगार के द्वारा वाचन किया गया ! सुसमाचार की घोषणा फादर रॉकी शाह ने करते हुए येसु की मृत्यु के पहले हुई घटनाओं को लोगों को याद दिलाया! फादर लुकस ने अपने उपदेश में आजके इस दिन के महत्त्व के बारे मे समझाया उन्होंने बताया लोगों ने येसु को राजा माना परन्तु उस समय उस राजा के स्वागत के लिए उनके पास कुछ नहीं था उन्होंने अपने कंधों पर रखे कपड़ों को येसु के आगे बिछा दिया और खजूर की डालियों को तोड़ कर उसे अपने हाथ में लहराते हुए येसु का स्वागत किया! वही स्मृति आज के दिन सभी गिरजा घरों में की जाती है! संगीत दल का संचालन जैरोम वाखला एवं बेंजमीन निनामा के नेतृत्व मे किया गया! आज से यह सम्पूर्ण सप्ताह प्रत्येक केथलिक ईसाई के लिए महत्वपूर्ण है! आने वाले गुरुवार के दिन येसु की मृत्यु पर सम्पूर्ण कलीसिया शोक मनाएगी और रविवार मध्य रात्रि वही कलीसिया येसु के जी उठने की खुशियां मनाएगी!

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