झाबुआ

भगवान महावीर को तो मानते है किंतु उनकी नहीं मानते ::- मुनिराज हितेशचन्द्र विजयजी

Published

on

झाबुआ.-शहर मे महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव सकल श्वेतम्बेर जैन समाज ने पूज्य मालव केसरी मुनिराज हितेशचन्द्र विजयजी मुनिराज वैराग्य यश विजयजी एव पूज्य साध्वीजी श्री सौम्य प्रिया श्रीजी मसा आदि ठाना 11 की निश्रा में हर्षोल्लास के साथ मनाया । श्री संघ के तत्वाधान मे शोभा यात्रा निकली शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए बावन जिनालय पर समाप्त हुई ।

झाबुआ मे श्वेतम्बेर मूर्ति पूजक समाज,स्थानकवासी समाज , और तेरापंथ समाज , तीनो ने एक साथ आज 4 अप्रैल बुधवार को मिलकर “प्रभु महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव “पूज्य मुनिराज हितेशचन्द्र विजयजी , वैराग्य यश विजयजी मसा और साध्वीजी सौम्य प्रिया श्री जी आदि ठाना 11की निश्रा में धूम धाम से मनाया गया | आज तीनों संघों के समाजजनो मे अभूतपूर्व उत्साह देखा गया | सुबह से श्री ऋषभदेव बावन ज़िनालय में प्रभु महावीर भगवान की विशेष अर्चना वंदना की गई । भक्ताम्बर पाठ ,स्नात्र पूजन का आयोजन हुआ। इसके पश्चात शोभा यात्रा श्री ऋषभदेव बावन जीनालय से प्रारम्भ हुई | रथ में प्रभु महावीर स्वामीजी की प्रतिमा और तस्वीर रखी थी | नगर के प्रमुख मार्गों से शोभा यात्रा निकली । जिसे पूज्य मुनिराज हितेशचन्द्र विजयजी एव मुनिराज वैराग्य यश विजयजी एव साध्वी मंडल ने अपनी निश्रा प्रदान | युवा वर्ग “जीओ और जीने दो “के और “त्रीश्लानँदन वीर की जय बोलो महावीर की “आदि नारे लगा रहे थे | जगह जगह अक्षत और श्रीफल से प्रभुजी की गहुली की गयी | शोभा यात्रा पुन जिनालय पहुँची ।जिनालय के पोशध हाल मे धर्म सभा हुई | सर्व प्रथम गुरु वंदना सुश्रावक धर्मचन्द्र संजय मेहता ने करवायी। इसके पश्चात मंगलाचरण पूज्य मुनिश्री हितेशचन्द्र विजयजी नए श्रवण करवाया।| प्रभु महावीर के चित्र पर माल्याअर्पण कर दीप प्रज्जवलित अतिथियों पूर्व विधायक ज़ेवियर मेड़ा , शेलेश सिगार , घनश्याम भाटी ,नरेंद्र संघवी मनोहर भंडारी , प्रदीप रुनवाल , कैलाश श्रीमाल , आनंदीलाल संघवी संजय काठी यशवंत भंडारी,आदि द्वारा किया गया/ इन अतिथियो का बहुमान तिलक माला से श्री संघ ने किया। श्रीसंघ अध्यक्ष मनोहर भंडारी ,स्थानक समाज अध्यक्ष प्रदीप रुनवाल , तेरापंथ समाज से दीपक चौधरी ने श्री संघ की और से स्वागत भाषण दिया । इसके पश्चात पूज्य मुनिराज हितेशचन्द्रविजयजी ने प्रवचन में कहा की “आज हम सभी प्रभु महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव मना रहे हे “उनके जीओ और जीने के सिदाँत “को जीवन मे उतारने का प्रयास करना करना चाहिए | आज विडंबना है की सभी “भगवान महावीर को तो मान रहे हे किंतु भगवान महावीर की नहीं मानते हे “। यदि भगवान महावीर की मानले तो आज जो बिखराव समाज में हो रहा हे वह रुक सकता हे और सभी संघों में एकता क़ायम हो सकती है। आपने कहा की जीवन में “भोजन “के बजाय “भजन “को महत्व देना चाहिए।आपने कहा कि आज के दिवस जीवों को “अभयदान “देकर हम सच्चे महावीर के अनुयायी बन सकते हे। मूक पशुओ के लिये भी श्रेष्ट कार्य करे ।अंत में प्रभु महावीर की आरती श्रीमती सुभद्रा शशांक संघवी परिवार और मंगल दीपक आरती बाबूलाल कोठारी परिवार द्वारा की गई।इसके पश्चात सकल श्री संघ की और से स्वधर्मी वात्सल्य हुआ।संचालन यशवंत भंडारी ने किया ।आभार सुनील संघवी ने माना।

Trending