झाबुआ – जैन धर्म में पूजा पाठ के साथ-साथ तप का भी विशेष महत्व है । तपस्या की इसी कड़ी मे सकल जैन समाज की कई समाजजनों ने नवरात्रि के दौरान, तपस्वीयो ने आयंबिल तप कर की नवपद ओली की आराधना । स्वाद की आसक्ति को तोड़ कर,लुखा,भुना हुआ,उबला हुआ,स्वाद रहित नौ-नौ दिनों तक एक टाईम भोजन लेने वाले तपस्वीयो द्वारा आयंबिल तप किया गया । लाभार्थी शशिकांत छाजेड़ परिवार द्वारा तपस्वीयो के आयंबिल तप के लाभार्थी भी बने और पारणे का लाभ भी लिया गया ।
यह तप चैत्र शुक्ला अष्टमी से प्रारंभ होकर चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण होते हैं । याने 29 मार्च से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल तक कुल 9 दिन तक नवपद की आराधना की गई । नमस्कार महामंत्र के 5 पद तथा ज्ञान ,दर्शन , चरित और तप, इस प्रकार नवपद ओली की आराधना आयंबिल तप से पूर्ण की गई । जब तप कुल 9 दिन तक करना होता है । आयंबिल तप मे तपस्वीयो को लुखा,भुना हुआ,उबला , बिना नमक मिर्ची यानी स्वाद रहित रहित नौ-नौ दिनों तक एक टाईम भोजन लेने वाले आयबिंल तप , तपस्वीयो द्वारा किया गया । शहर के सकल जैन समाज के कई महिलाओं व पुरुषों ने इस तप में अपनी सहभागिता दी तथा दैनिक पूजा पाठ के बाद आयंबिल तप भी किए गये। यह नवपद ओली जी की आराधना व आयंबिल तप शहर के बावन जिनालय मंदिर में संपन्न हुए। जहां प्रतिदिन अलग-अलग द्रव्य अनुसार आयंबिल तप कराए गए । इस नवपद ओलीजी की आराधना के दौरान ही जैन सोशल ग्रुप मैत्री की नवीन कार्यकारिणी द्वारा भी तपस्वीयो का बहुमान किया गया व तप की सुख साता पूछी गई ।
शशिकांत छाजेड़ एवं परिवार बना इस नवपद ओली जी की तप के और पारणे के लाभार्थी ………
इस नवपद ओली जी के प्रारंभ दिवस याने 29 मार्च के दिन से ही शशिकांत जी छाजेड़ परिवार द्वारा इस आयंबिल तप के लाभार्थी बने और नौ दिनो तक आयंबिल तपस्वियों को अलग-अलग दिन अलग अलग द्रव्यो के माध्यम से आयंबिल तप कराया गया । जानकारी अनुसार शशिकांत छाजेड़ की छोटी बहू श्रीमती कृति छाजेड़ द्वारा आयंबिल तप कर व नौ बार नवपद ओली जी की आराधना की और इसी खुशी में परिवारजन द्वारा इस तप के और पारणे का लाभ लिया । नवपद ओली जी की आराधना के अंतिम दिन यानी 6 अप्रैल को पूर्ण होने पर लाभार्थी परिवार शशिकांत छाजेड़ द्वारा सभी तपस्वीयों को बहुमान किया गया और गिफ्ट भी वितरित किए गए और आखिरी दिन याने 6 अप्रैल को पारणे का लाभ भी लिया गया । करीब 60 से अधिक समाजजन द्धारा नवपद ओली जी की आराधना कर, आयंबिल तप किए गए । शशिकांत जी छाजेड़ परिवार द्वारा आज उन सभी वर्षीतप तपस्वीयो का तप चक्र अनुसार पारणा आने पर पारणे का लाभ भी लिया गया । शशिकांत छाजेड़ एवं परिवार की इस धार्मिक भावनाओं को और सेवाओं को ध्यान में रखते हुए आयंबिल तपस्वीयो ने भी संपूर्ण परिवार का शाल श्रीफल और माला से बहुमान किया और तपस्या के दौरान उत्कृष्ट सेवाओं के लिए साधुवाद भी दिया । वही तेरापंथ ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका हंसा गादीया, दीपा गादीया, रानी कोठारी , शर्मिला कोठारी ने छाजेड परिवार के ज्ञानशाला के बच्चों को इस ओली तप आराधना में उत्कृष्ट सेवा के लिए माला से सम्मान किया । वही सकल जैन समाज श्रीसंघ द्वारा द्वारा शशिकांत जी छाजेड़ एवं परिवार को नवपद ओली जी की आराधना के दौरान उत्कृष्ट व्यवस्था और सेवा और वर्षीतप के तपस्वीयो के पारणे के लाभार्थी बनने पर बहुमान किया गया । लाभार्थी परिवार में शशिकांत छाजेड़, श्रीमती पुष्पा छाजेड़, नितिन छाजेड़, निकेत छाजेड़ श्रीमती कृति निकेत छाजेड़ के अलावा नन्हे बच्चों में छाजेड परिवार से अलंकृति , आदर, आरना व ईरा का भी विशेष सहयोग इन संपूर्ण कार्यक्रमों में रहा ।