रतलाम। फिंगर प्रिंट से अपराधियों की पहचान का खाका खींचा जा चुका है, इसके लिए जरूरी बायोमैट्रिक मशीन थानों तक जल्दी पहुंचने वाली है। हालांकि मशीनें कब तक आएंगी, फिलहाल समय सीमा तय नहीं है। रतलाम रेंज में शहर और देहात सहित 52 थानों को मशीनें दी जाना है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के प्रोजेक्ट नेफिस के जरिए 18 प्रदेश की पुलिस पकड़े अपराधियों का रिकॉर्ड नेफिस के जरिए एक दूसरे को मुहैया कराते हैं। अपराधी जिस थाने में पकड़ा जाएगा वहां पुलिस उसका ऑन स्पॉट फिंगर प्रिंट लेगी और उसे नेफिस के जरिए शेयर करेगी। अपराधी की पूरी कुंडली बाकी प्रदेश की पुलिस के भी सामने आएगी। थाना स्तर पर अपराधियों के फिंगर प्रिंट लेने के लिए प्रदेश के सभी 1250 व रतलाम रेंज के 52 थानों में बायोमैट्रिक मशीन मुहैया कराने की योजना मंजूर की गई है। रतलाम जिले के 23 थाने इसमें शामिल हैं।
अभी हो रहा ये
बायोमेट्रिक मशीनें नहीं मिली हैं इसलिए अपराधियों के अंगुली चिह्न का रिकॉर्ड जिला फिंगर प्रिंट विभाग के भरोसे है। थानों पर पुराने पद्धति से ही अपराधियों के फिंगर प्रिंट लेकर पुलिस जिला फिंगर प्रिंट शाखा को भेजती है।
मदद मिलेगी
मनोज सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक, रतलाम रेंज का कहना है कि नेफिस की योजना अनुसार जल्दी ही रतलाम रेंज के 52 पुलिस थानों के लिए बायोमेट्रिक मशीन आने वाली है। इससे अपराधियों के थंब का रिकॉर्ड शेयर होने में मदद मिलेगी।
ये भी जानिए
जिला थाना
रतलाम- 23
मंदसौर- 17
नीमच- 12
कुल- 52
(पत्रिका से साभार)