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जया किशोरी की कथा का दूसरा दिन, कहा ‘सनातन धर्म आंख पर पट्टी बांधना नहीं सिखाता’

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जया किशोरी की कथा का दूसरा दिन, कहा ‘सनातन धर्म आंख पर पट्टी बांधना नहीं सिखाता’

जया किशोरी ने कथा के दौरान कहा हमारे प्रश्नों में भी मर्यादा होनी चाहिेए..

रतलाम. रतलाम के कनेरी में चल रही जया किशोरी जी की भागवत कथा के दूसरे दिन हजारों की संख्या में भक्त कथा सुनने के लिए पहुंचे। कथा स्थल पर लगा पूरा पंडाल भक्तों से भरा हुआ था और हर कोई भगवान की भक्ति में लीन था। कथा के दौरान जया किशोरी ने कहा कि सनातन धर्म आंख पर पट्टी बांधना नहीं सिखाता है।

कोविड का समय प्रकृति के लिए सबसे अच्छा समय- जया किशोरी
कथा के दौरान जया किशोरी ने कहा कि कोविड आया तो यह प्रकृति के लिए सबसे अच्छा समय था। क्योंकि कोई शोर गुल नहीं, कोई गंदगी नहीं, प्रकृति भी साफ हो गई। नकारात्मक विचार आपके जीवन में अनेक प्रकार क़ी निराशा उत्पन्न कर देता है। इसलिए इंसान को सकारात्मक सोच रखना चाहिए। भगवान ने इंसान बनाया है तो इंसानों वाले कुछ कर्म करों। सबगुण संपूर्ण अच्छे दोस्त हमेशा गलत में साथ नहीं देते और दोस्त का मतलब गलत काम में साथ देने वाला नहीं। गलत काम को रोकने वाला अच्छा दोस्त होता है।

सतानत धर्म आंख पर पट्टी बांधना नहीं सिखाता- जया किशोरी
जया किशोरी ने कहा कि कथा श्रवण से कल्याण होता है। सुनना अच्छी बात है। जो सुना उसका चिंतन करना चाहिए। चिंतन करने से याद रहता है। सनातन धर्म आंख पर पट्टी बांधना नहीं सिखाता। जो सुन रहे हो उसका चिंतन करों। प्रश्न करो, हमेशा गीताजी पढ़ो। जब कृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे थे तब अर्जुन हर बार प्रश्न कर रहे थे। जबकि उन्हें पता था कि कृष्ण भगवान है पर फिर भी अर्जुन उनसे प्रश्न कर थे और भगवान उनका उत्तर दे रहे थे। अर्जुन के प्रश्नों में समर्पण था, मर्यादा थी । इसलिए हमारे प्रश्नों में भी मर्यादा होनी चाहिए।शुक्रवार को भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णना होगा
कनेरी में कथा में शुक्रवार को भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन होगा। कथा प्रतिदिन सुबह 11.45 बजे से शुरू होकर शाम 3.45 बजे तक चलेगी। कथा का विश्राम 18 अप्रैल को होगा।

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