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रतलाम जिले की प्रथम फव्वारा पद्धति से निर्मित कोटेश्वर (ईमलीपाड़ा) लघु सिंचाई योजना

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रतलाम जिले की प्रथम फव्वारा पद्धति से निर्मित कोटेश्वर (ईमलीपाड़ा) लघु सिंचाई योजना

रतलाम / जिले में जल संसाधन विभाग की निर्मित लघु सिंचाई योजनाओं में से एक कोटेश्वर (ईमलीपाड़ा) सिंचाई तालाब योजना दबावयुक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (स्प्रींक्लर) पर आधारित हैं। योजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 1995 हेक्टर हैं। योजना से जिले के 13 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल रहा हैं। दबावयुक्त सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी की खपत कम होती है एवं क्षेत्र के अधिक से अधिक कृषकों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होता हैं।

        उक्त सिंचाई योजना के निर्माण के पश्चात् कृषकों द्वारा परम्परागत फसल, जैसे चना आदि के स्थान पर उद्यानिकी फसल, जैसे अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, अनार इत्यादि की फसल की जा रही है, इन उद्यानिकी फसलों की खेती से जिले के कृषकों की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा हैं। वर्ष 2019 में पूर्ण की गई कोटेश्वर सिंचाई तालाब योजना पर शासन द्वारा 69 करोड 63 लाख रुपए वहन किए गए हैं। इस योजना से इमलीपाडा, कुण्डालपुरा, पग्गीपाडा, बसन्तपुरा, पिपलीपाडा, गुर्जरपाडा, उमरन, पीपलखूंटा, बावडीखेडा, रावदिया, खेडा, खेडी, पिपलौदी गांवों के किसानों को सिंचाई लाभ मिल रहा है।

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