रतलाम ~~कलेक्ट्रेट परिसर में 88 साल के बुजुर्ग अपने खरीदे हुए मकान पर कब्जा दिलवाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर पिछले 12 साल से लगा रहे हैं। एक बार फिर अपना आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे रामचंद्र परमार ने कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से मुलाकात की और अपनी समस्या बताई । पीड़ित रामचंद्र परमार ने बताया कि 2003 में उन्होंने पड़ोस में रहने वाले गोविंद कुंवर और रतन सिंह से मकान खरीदा था और मकान की पूरी कीमत चुका कर कब्जा हासिल किया था लेकिन 2010 में रतन सिंह ने की रजिस्ट्री करवाने से इनकार कर दिया और मकान पर जबरन कब्जा कर लिया। जिसके बाद से वह शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। कलेक्टर ने बुजुर्ग व्यक्ति की समस्या सुनकर एसडीएम से मामले की जांच करवाने और समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।
रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर की सीढ़ियों पर बैठे 88 वर्षीय रामचंद्र परमार पिछले 12 वर्षों से शासकीय कार्यालयों और पुलिस थाने के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। पीड़ित रामचंद्र परमार का कहना है कि वह रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वर्ष 2003 उन्होंने नाइयों की गली क्षेत्र में अपने पड़ोसी गोविंद कुंवर और रतन सिंह से मकान का 335 वर्ग फिट हिस्सा खरीदा था। जिसका पजेशन भी उन्होंने सारी राशि का भुगतान कर गवाहों की उपस्थिति में लिया था। लेकिन विक्रेता पक्ष में रजिस्ट्री करवाने में टालमटोल कर बाद में रजिस्ट्री करवाने से इनकार कर दिया और मकान पर कब्जा भी कर लिया। वर्ष 2010 से लेकर अब तक रामचंद्र परमार पुलिस थाने से लेकर डीजीपी और तहसील कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान पिछले 12 वर्षों से नहीं हो सका है। हालांकि कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बुजुर्ग व्यक्ति की शिकायत सुनकर एसडीएम से मामले की जांच करवाने और कार्रवाई करवाने की बात कही है। कलेक्टर से मिले आश्वासन के बाद बुजुर्ग आवेदक को उनके मकान का कब्जा मिलने की उम्मीद है।