भाजपा की चुनावी रणनीति…कार्यकर्ताओं को बताई सबसे बड़ी कमजोरी
रतलाम। विधानसभा चुनाव करीब है तो अब शहर से लेकर अंचल तक भाजपा युवा मतदाताओं को साधने में लग गई है। इस वर्ग का मतदाता की संख्या अधिक है, इसलिए पहले पूरा जोर इसी पर दिया जा रहा है। इनके बाद पार्टी का ध्यान उन पुराने कार्यकर्ताओं पर है, जिनकी जमीनी पकड़ आज भी बेहतर है। दुश्मन को कमजोर न माने, इसलिए ग्रामीण विधानसभा सीट पर बुधवार को तीतरी में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में ध्यान देने की बात करने आए हुए नेताओं न कही।रतलाम ग्रामीण भाजपा विधान सभा के स्नेह सम्मेलन का आयोजन ग्राम तितरी की पाटीदार धर्मशाला में रखा गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश युवा आयोग अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा डॉ. निशांत खरे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि एक संदेश आपको अच्छे से समझना होगा, सबसे बुरी आदत या सबसे बड़ी कमजोरी हमारी तब हो सकती है, जब हम सामने खड़े दुश्मन को कमजोर मानने लगते है। आप ये मानकर रखना के कांग्रेस कि जो आज स्थिति है, उसे देखते हुए वह एक बार फिर पूर जोर आप पर हमला करेंगा। इसलिए सर्तक रहना, क्योंकि बुराई जो है बीमारी की तरह होती है यह छोड़ी भी रह जाती है तो वापस लोट आती है। इसलिए इसे पूरा खत्म नहीं करेंगे ठीक नहीं होगी। इस देश और प्रदेश की बीमारी को हमें मिलकर खत्म करना है।
अब आगे की क्या रणनीति होगी
चुनाव जब आता है तो विरोधी सक्रिय हो जाता है, उन्हें कमजोर नहीं आंके
शुरुआत में खरे ने दो हारे और दो जीते हुए मंडल प्रभारियों से चुनाव हारने और जीतने कारण जानते हुए अब आगे की क्या रणनीति होगी पर चर्चा की। पाटीदार धर्मशाला में आयोजित सम्मेलन की शुरुआत में स्वागत भाषण ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने दिया। अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाभर ने कहा हमारा आने वाला कल चुनौती भरा है, उसकी रणनीति पर काम करना है। सांसद गुमान सिंह डामर ने कहा कि सबसे उपर हमारा राष्ट्र है। चुनाव जब आता है तो विरोधी सक्रिय हो जाता है, उन्हें कमजोर नहीं आंके। विरोधी का काम केवल उनका का झूठ और भ्रम का फैलाने का रहेगा, कुछ कमजोर कार्यकर्ता उनके बहकावे में आ जाते हैं। इस दौरान मंच पर पूर्व विधायक मथुरालाल डामर, सैलाना पूर्व विधायक संगीता चारेल, अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष शंभूसिंह गणावा, पार्षद अनिता कटारा सांसद प्रतिनिधि भारती पाटीदार, धोलका सरपंच सुरेंद्रसिंह राणावत, भेरूलाल पाटीदार, मोतीलाल पाटीदार, छोटूलाल पाटीदार, जयप्रकाश पाटीदार, पवन जाट, प्रकाश भगोरा आदि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
वरिष्ठ कार्यकर्ता कुर्सी के नहीं है, सम्मान के भुखे है खरे ने आगे कहा कि वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से कहा कि मंडल पुुराने कार्यकर्ता जिन्हे क्षेत्र की समझ हो, जो घर-घर जा सकता है, वह घर तो नहीं बैठा हुआ है। जब हम बैठक बुला रहे हैं तो वह आ रहा है के नहीं। नहीं तो क्यों नहीं आ रहा है। हम कही सम्मान में कुछ कमी तो नहीं रख रहे हैं। मेरा काम मिठी बाते करना नहीं है, ध्यान से सुनना तो हम कहीं किसी के सम्मान में तो कमी नहीं रख रहे हैंं। हम मनवार कर रहे है के नहीं, 40 साल का कार्यकर्ता घर तो नहीं बैठा, उससे मिले क्या। नहीं मिले तो सांसद, विधायक सभी अब टोली बना-बनाकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मिलो…और यह क्रम शुरू करों। सारे मंडल अध्यक्ष यह सूचि बनाइये, कोई कठीन काम नहींं है। वरिष्ठ कार्यकर्ता को जहां स्थान मिलना चाहिए वहां बैठाए। खरे ने कहा कि ये वरिष्ठ कार्यकर्ता कुर्सी के नहीं है, सम्मान के भुखे है।
ऐसे काम करेंगी अब पार्टी – 1- हमारा जो पुराना वरिष्ठ कार्यकर्ता है, वह बाहर निकले सक्रिय होकर मार्गदर्शन करे, हमारे कंधों और सरों पर हाथ रखे। हमारे सारे भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता हमारा परिवार है।
– 2- हमारे जितने सक्रिय कार्यकर्ता निस्क्रिय है उनको सक्रिय करने के लिए वरिष्ठों को मैदान में पहुंचकर उनसे मिलने जाना होगा।
-3- युवा वर्ग किस तरीके से जुड़ेगा, एक टोली विधानसभा की बनाइये जिसमें 10 से 30 लोग हो, जिनका एक ही काम है, हम जिसे अंग्रेजी में कहते है ‘युथ इंगिजमेंटÓ युवाओं से किसी तरीके से हम बातचीत बढ़ा सकते है।
युवा वर्ग को जोडऩे का बताया गणित
खरे ने कहा कि कार्यकर्ताओं को बताया कि हमारे साथ युवाओं का जुड़ाव है की नहीं 65 प्रतिशत युवाओं देश है। ओर वोटिंग के मान से निकाल लेंगे तो मध्यप्रदेश सबसे युवा प्रदेश है। मध्यप्रदेश में लगभग 63 प्रतिशत युवा वोटर है जो 35 से कम उम्र के है। अभी जब ये आयोग का गठन होना था तो प्रदेश भर में उठापटक चल ही रही है। ये काम जिसके लिए मैं आपके पास हूं ये तो है ही सही, तो मैने जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि वोट करने वाले पौने छह करोड़ लोग है, इसमें साढ़े तीन करोड़ लोग ऐसे है जिनकी उम्र 30 से कम है। इनसे मिलने के लिए क्या नवाचार कर सकते हैं उस पर काम करें। मैं सांसद, विधायक और मंडल के स्तर पर कह रहा हूं कि खेल स्पर्धा युवा कार्यक्रम आयोजन करें और युवा से जुड़े।(पत्रिका से साभार)