आपात हालात में चिकित्सा सुविधा देने वाले चिकित्सकों व नर्सों के लिए करीब 14 आवासों का निर्माण किया गया। इसमें नियम अनुसार सिर्फ उन चिकित्सकों और नर्सों को आवास देना थे, जो आपात चिकित्सा के समय नियमित ड्यूटी करते है। जिला अस्पताल प्रशासन ने अपनी मनमानी करते हुए भृत्य से लेकर एंबुलेंस के दो से तीन चालक तक को आवास आवंटित कर दिए।
पिछले छह माह कट रहा हाउस रेंटपूर्व में यहां रहने वाली कुछ नर्स ऐसी भी है जिनके वेतन से पिछले छह माह से हाउस रेंट काटा जा रहा है लेकिन इन्हें यहां नए भवन आवंटन नहीं किए गए। सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंलेदकर ने मनमानी कर आपातकालीन सेवा नहीं करने वालों को भी भवनों का आवंटन कर दिया है।
इन्हें कर दिया आवंटन
– दो से तीन को वाहन चालक को पात्रता के बगैर आंवटन
– अस्पताल के सभी इलेक्ट्रिशियन को आवंटन
– चिकित्सक डॉ. रश्मि दिवेकर
– प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उपस्वास्थ्य केंद्र में काम करने वालों को आवंटन
– नर्सिंग की कक्षाएं ही नहीं चल रही, लेकिन इनको पढ़ाने वालों को आवंटन किया गया।- यहां तक की अस्पताल के लेखापाल तक को आवंटन किया गया।
सीधी बात सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर से
पत्रिका – आवासगृह आवंटन में बंदरबांट की गई है।
डॉ. चंदेलकर– गड़बड़ी नहीं की गई। सभी को नियम अनुसार आवंटन किया गया है।
पत्रिका – नर्सिंग पढ़ाने वालों का आपात चिकित्सा में क्या योगदान रहता है, भृत्य तक को आवंटन किया।
डॉ. चंदेलकर – ऐसा नहीं है। भृत्य मरीज को जब रैफर करते है, तब लेकर जाता है। अस्पताल में रहेगा तो मरीज जल्दी रैफर हो पाएगा।पत्रिका – लेकिन जो एंबुलेंस अस्पताल में रहती है, उसी से रैफर किया जाता है।
डॉ. चंदेलकर– मैने कहा तो, सभी काम नियम अनुसार किया गया है। जिनको आवंटन किया, इसकी सूची कलेक्टर को भी दी है।( दैनिक पत्रिका से साभार )