RATLAM

जन संपर्क के झरोखे से–सीमांकन तथा बंटवारे के प्रकरण जान-बूझकर नहीं अटकाए, राजस्व अधिकारी आम आदमी को परेशान नहीं करे कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने राजस्व अधिकारियों को बैठक में दिए निर्देश~~

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जन संपर्क के झरोखे से–

सीमांकन तथा बंटवारे के प्रकरण जान-बूझकर नहीं अटकाए,

राजस्व अधिकारी आम आदमी को परेशान नहीं करे

कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने राजस्व अधिकारियों को बैठक में दिए निर्देश

रतलाम 27 अप्रैल 2023/ हमारे मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान आम आदमी की भलाई के लिए 24 घंटे कार्यरत हैं। राजस्व अधिकारी सुनिश्चित करें कि उनके कार्य व्यवहार से किसी आम आदमी को कोई परेशानी नहीं हो। कार्यालय में आने वाले व्यक्ति का कार्य तत्काल किया जाए। राजस्व अधिकारी अपने स्वार्थवश सीमांकन बंटवारे जैसे कार्यों को जान-बूझकर नहीं अटकाए अन्यथा की स्थिति में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

उक्त निर्देश कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा गुरुवार को राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दिए गए। अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एसडीएम श्री संजीव पांडे, श्री त्रिलोचन गौड़, श्री मनीष जैन आदि उपस्थित थे। कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि जिन अधिकारियों के वर्तमान माह में निपटारे का प्रतिशत जीरो है उनके विरुद्ध कार्रवाई तथा शोकाज नोटिस जारी किया जाएगा। इसी प्रकार जिन अधिकारियों के न्यायालय में प्रकरण 6 माह से अधिक लंबित स्थिति में है उनका वेतन रोक दिया जाएगा। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को निर्देशित किया कि उपरोक्त प्रकार के अधिकारियों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करें।

वसूली की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने आगामी 31 मार्च के पूर्व शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि 31 मार्च का इंतजार नहीं करें। धारणाधिकार के साथ-साथ वसूली की समीक्षा कलेक्टर द्वारा प्रत्येक समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में की जाएगी। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। नक्शा तरमीम तथा नक्शों के प्रकाशन के संबंध में समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने प्रथम प्रकाशन, द्वितीय प्रकाशन, संशोधन, ग्राउण्ड प्रतिवेदन तथा अंतिम प्रकाशन की जानकारी गूगल शीट पर देने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। कृषि संगणना में ढिलाई बरतने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की।

खनिज मामलों में समीक्षा के दौरान कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि एसडीएम अवैध उत्खनन परिवहन पर सख्त निगरानी रखें। प्रत्येक सप्ताह प्रकरण बनाएं। भू-माफिया तथा अतिक्रमण से मुक्त भूमि की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। समीक्षा में नायब तहसीलदारों को विशेष रूप से काम करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान 28 अप्रैल को सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खातों में राशि वितरण करेंगे

रतलाम 27 अप्रैल 2023/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 28 अप्रैल को सिंगल क्लिक के माध्यम से असामयिक वर्षा ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों के हितग्राहियों को राशि वितरण करेंगे, वे हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे। इस दौरान जनप्रतिनिधिगण, क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्य एनआईसी कक्ष में उपस्थित रहेंगे।

नापतौल विभाग ने वर्ष 2022-23 में 98 इलेक्ट्रॉनिक वेब्रिज का सत्यापन किया

रतलाम 27 अप्रैल 2023/ जिला नापतोल विभाग द्वारा कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन में वर्ष 2022-23 में 98 इलेक्ट्रॉनिक वेब्रिज धर्म कांटा का सत्यापन एवं मुद्रांकन का कार्य किया गया है। जिले में व्यापारियों द्वारा बड़ी मात्रा में व्यापार को संचालित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेब्रिज का उपयोग किया जा रहा है। इनका व्यापार पूरे देश भर में फैला है, वे सामान खरीदकर इन्हें इलेक्ट्रॉनिक वेब्रिज पर तौल करते हैं और अपना माल इसी वेब्रिज पर तौल करके पूरे भारत में बेचने का कार्य करते हैं जिससे लाखों करोड़ों रुपए का क्रय-विक्रय किया जाता है।

जिला नापतौल निरीक्षक श्री नसीम खान ने बताया कि सभी वेब्रिज का वार्षिक सत्यापन का कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। सत्यापन के कार्य में राजस्व की प्राप्ति भी शासन को होती है। नापतौल निरीक्षक द्वारा बताया गया कि जिले में खाद्य विभाग द्वारा आवंटित लगभग 500 उचित मूल्य की दुकानों से उपभोक्ताओं को राशन प्रदान किया जाता है। निर्धारित मात्रा में राशन मिले, कोई हेराफेरी नहीं हो इसके लिए नापतौल विभाग द्वारा उचित मूल्य दुकानों पर रखे इलेक्ट्रॉनिक स्केल तथा अन्य नापतोल उपकरणों का सत्यापन भी किया जाता है।

जारी वित्तीय वर्ष 2022-23 मे विभाग ने 502 उचित मूल्य दुकानों का सत्यापन एवं मुद्रांकन का कार्य किया है। विभाग के अभियोजन प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि वर्ष 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक 258 अभियोजन प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। जिले में उपभोक्ताओं से उपकरणों के द्वारा एवं पैकेज वस्तु नियम में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो और उपभोक्ताओं को सही वजन मात्रा में सामान मिले, इसके लिए नापतौल विभाग निरीक्षण एवं अभियोजन प्रकरणों की कार्यवाही व्यापारियों पर करता है।

इस वर्ष बगैर सील के या असत्यापित कांटे बांट एवं इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा का उपयोग करने पर 124 व्यापारियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। पैकेज वस्तु नियम में निर्माता द्वारा जो जानकारी पैकेज पर उपभोक्ताओं के हित में लिखना चाहिए उसमें से किसी भी जानकारी के नहीं होने से प्रकरण पंजीबद्ध किए जाते हैं या भ्रामक जानकारी देने पर प्रकरण पंजीबद्ध किए जाते हैं। इस वर्ष पैकेज वस्तु नियम में नापतौल विभाग द्वारा निर्माताओं पर 134 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए, इससे जारी वित्तीय वर्ष में 20 लाख 23 हजार राशि जिले में प्राप्त हुई। उक्त कार्य में जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर आया है।

खुशियों की दास्तां –

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना से आर्थिक मजबूती आई है मंजू के जीवन में

रतलाम 27 अप्रैल 2023/ रतलाम जिले के बाजना की रहने वाली मंजू सोनी तथा उनका परिवार गरीबी से उबर रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना को जाता है। मंजू बताती है कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब थी। पति का स्वर्गवास हो चुका था कमाने वाला कोई नहीं था। एक लड़की थी जिसकी शादी हो चुकी थी। एक बूढ़ी मां की जिम्मेदारी थी, घर में खर्चा चलाना मुश्किल था।

ऐसे में ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से बने ग्रुप में मंजू भी सम्मिलित हो गई। खाटू श्याम आजीविका स्वयं सहायता समूह के नाम से गठित उक्त समूह की महिलाएं नियमित बैठक करती थी। बैठकों में मंजू भी जाने लगी, उसी दौरान उसे मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना की जानकारी मिली तो आवेदन किया। मंजू को 50 हजार रूपए का लोन स्वीकृत हो गया। मंजू ने हिम्मत करके हाथ ठेलागाड़ी पर गुमटी बनाई और मनिहारी की दुकान शुरू की। मेहनत और लगन के साथ व्यवसाय संचालन करने पर दुकान चल निकली। मंजू को प्रतिदिन 200 से 300 रुपए की आमदनी शुरू हो गई। धीरे-धीरे आमदनी और बड़ी अब वह 500 रुपए से एक हजार  रूपए प्रतिदिन कमा लेती है। मंजू अपने जीवन में आई आर्थिक समृद्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को तथा उनकी योजना को धन्यवाद देती है जिससे उसे जीवन की नई राह मिली।

खुशियों की दास्तां

जनजातीय ग्रामीण मांगू डोडियार शासन की योजना से कर रहे हैं बड़े पैमाने पर मत्स्य उत्पादन

पहली बार में ही कमाए हैं लाख रुपए

रतलाम 27 अप्रैल 2023/ शासन की योजनाओं की मदद से जिले के ठेठ आदिवासी अंचल बाजना के जनजातीय ग्रामीण गरीबी से निकलकर समृद्धि हासिल कर रहे हैं। बाजना से 2 किलोमीटर दूर ग्राम आम्बापाडा कला के जनजातीय ग्रामीण मांगू पिता ओंकार डोडियार शासन की योजना की मदद से बड़े पैमाने पर मत्स्य उत्पादन करके आर्थिक रूप से मजबूती की ओर बढ़ चले हैं।

मांगूजी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाते हुए अपने गांव में रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का निर्माण किया है जिसके द्वारा मछली पालन करके मांगीजी आकर्षक आमदनी अर्जित कर रहे हैं। परंपरागत आदिवासी किसान होने के नाते 52 वर्षीय मांगू खेती बाडी करते आ रहे थे। अपने परिवार की आर्थिक समृद्धि का विचार आया तो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे में सुनकर जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क किया। योजना में वर्ष 2022-23 में जिला मत्स्य विभाग द्वारा मांगूजी को प्रधानमंत्री योजना के तहत रि-सर्कुल्ोटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के लिए हितग्राही स्वीकृति दी गई। योजना के तहत मांगू को 30 लाख रुपए अनुदान सहायता मिली है। संपूर्ण यूनिट की कास्ट 50 लाख रुपए आई है। अनुदान राशि के अलावा शेष राशि मांगूजी ने बैंक लोन,ा अपनी जमा पूंजी तथा अन्य उधारी से एकत्र कर यूनिट का निर्माण किया है।

योजना में स्वयं की भूमि पर मांगूजी ने यूनिट का निर्माण बीते वर्ष 2022 में प्रारंभ किया था। लगभग 8 माह में यूनिट बनकर तैयार हो गई। इस यूनिट में 8 सीमेंट टैंक होते हैं, प्रत्येक टैंक का साइज 90 घन मीटर का होता है। हर एक टैंक में 400 मत्स्य बीज संचित किए जा सकते हैं जिससे 400 किलोग्राम तक मत्स्य उत्पादन लिया जा सकता है।

मांगूजी ने विगत वर्ष सितंबर 2022 में 32 हजार मत्स्य बीज इंदौर से लाकर अपनी यूनिट में संचयन किया था। नियमित रूप से मत्स्य आहार तथा आवश्यक देखभाल पश्चात लगभग 8 से 9 माह में उनको 90 से 100 क्विंटल मत्स्य उत्पादन मार्च 2023 में प्राप्त हुआ। एवरेज 100 रुपए प्रति किलोग्राम के मान से मत्स्य बिक्री पर उनको लगभग 7 लाख रुपए का मुनाफा खर्च काटकर प्राप्त हुआ है। मांगू ने अपनी यूनिट में बंगाली फंगसियास प्रजाति का मत्स्य पालन कर रहे हैं। उन्होंने अब विभिन्न मत्स्य प्रजातियों का उत्पादन ल्ोने की योजना बनाई है। इस वर्ष उनकी योजना देसी मछली के साथ ही गुजरात से लाकर झींगा पालन करने की भी है। मांगू अपनी मछलियों को रतलाम के लोकल बाजारों के अलावा इंदौर और मंदसौर तक पहुंचाते हैं। इंदौर और मंदसौर के व्यापारियों से उनका अनुबंध है। रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की खासियत यह है कि उसमें कम पानी में मछली उत्पादन हो जाता है क्योंकि पानी के फिल्टर की सुविधा रहती है। सिस्टम प्रारम्भ करने से पूर्व मांगूजी ने हरदा जाकर वहां इस प्रकार की गतिविधि का अध्ययन किया एवं कार्य सीखा था।

जिले के इस आदिवासी अंचल बाजना में एक उन्नत मत्स्य पालक किसान के रूप में मांगूजी अन्य आदिवासी किसानों को भी समृद्धि की दिशा दिखा रहे हैं, उनसे प्रेरणा लेकर अन्य कृषक भी इसी प्रकार की आय उत्पादक गतिविधियों को नवाचार के रूप में अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं। मांगूजी एक सफल मत्स्य उत्पादक के तौर पर स्थापित हुए हैं, वह अपनी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की योजना को देते हैं। मांगू जी के परिवार में 3 पुत्र हैं, एक पुत्री का विवाह किया जा चुका है। उनके कार्य में उनके पुत्र भी हाथ बंटाते हैं।

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