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कैसे सुगम होगा ट्रैफिक ……..वन टू वे:शहर के जिन मार्गों को एकांगी बनाया सभी पर दोनों तरफ से आवागमन चालू रतलाम

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कैसे सुगम होगा ट्रैफिक ……..वन टू वे:शहर के जिन मार्गों को एकांगी बनाया सभी पर दोनों तरफ से आवागमन चालू

रतलाम~~शहर में सुगम ट्रैफिक और शॉर्टकट के लिए वन-वे रूट हैं, लेकिन यह सिर्फ रिकॉर्ड में हैं, हकीकत में तो इन मार्गों में टू-वे ट्रैफिक ही नजर आता है। आमने-सामने से रोज वाहन उलझते रहते हैं। वाहनों के टकराने के मामले भी थानों तक पहुंचते हैं, लेकिन पुलिस इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करती है। ट्रैफिक पुलिस को चालानी कार्रवाई में व्यस्त है इसे कोई मतलब नहीं है कि वन में टू-वे ट्रैफिक कैसे चल रहा है। ट्रैफिक के दबाव और बार-बार लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दिल बहार चौराहे से रेलवे स्टेशन और फ्रीगंज से माल गोदाम होते हुए स्टेशन जाने वाले मार्ग को वन-वे किया था। लेकिन ट्रैफिक पुलिस की यह व्यवस्था दो महीने में ही फेल हो गई है और वन-वे के दोनों तरफ से आवाजाही शुरू हो गई है। शहर की वन-वे व्यवस्था कि जब पड़ताल की तो यह पहला मौका नहीं है जब ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी से वन-वे की व्यवस्था फेल हुई है।

इसके पहले भी शहर के कई मार्गों को वन-वे बनाया था लेकिन उनके भी यही हाल हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा सिर्फ वन-वे बनाकर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। ना तो स्टापर लगाए जाते हैं और ना ही ट्रैफिक पुलिस की तैनाती कर वन-वे का सख्ती से पालन कराया जाता है। इससे अब तक जिन मार्गों को भी वन-वे किया गया, उन पर फिर से दोनों ओर से आवाजाही शुरू हो गई है।

शहर में आमने-सामने से रोज वाहन उलझते रहते हैं, वाहन टकराने के मामले भी हो रहे

सैलाना बस स्टैंड से लोकेंद्र टॉकीज – 5 साल पहले तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी के समय इस रोड को वन-वे घोषित किया था। लोकेंद्र टॉकीज से बाल अस्पताल होते हुए सैलाना बस स्टैंड की तरफ जाने की वाहनों पर रोक थी। वाहनों को यदि लोकेंद्र टॉकीज से सैलाना बस स्टैंड जाना होता था तो उन्हें शहर सराय, गायत्री टॉकीज होते हुए सैलाना बस स्टैंड जाना होता था।

घास बाजार से डालूमोदी बाजार- 4 साल पहले बाजार के इस प्रमुख मार्ग को भी वन-वे बनाया था। घास बाजार से दौलतगंज होते हुए डालूमोदी बाजार की तरफ फोर व्हीलर वाहनों का प्रवेश निषेध था। बाकायदा इसका बोर्ड भी लगाया था और स्टापर भी लगाए थे। वहीं ट्रैफिक पुलिस की तैनाती भी की गई थी। यह वन-वे की व्यवस्था फेल हो गई और इस रोड पर भी दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।

चौमुखीपुल से गणेश देवरी- यहां भी वन-वे शुरू किया था। इसमें गणेश देवरी से नौलाईपुरा होते हुए चौमुखीपुल की तरफ टू व्हीलर को छोड़कर अन्य वाहनों पर रोक थी। सिर्फ चौमुखीपुल से गणेश देवरी की तरफ वाहन जा सकते थे। ये वन-वे की व्यवस्था भी ज्यादा नहीं चल पाई।

फरवरी में शुरू किया था वन-वे- दो महीने पहले फरवरी के आखिरी में रेलवे स्टेशन से फ्रीगंज में वन-वे शुरू किया था। ट्रैफिक पुलिस भी कुछ दिनों तक मौके पर मौजूद रहकर पालन कराती रही। अब वन-वे का पालन कराने वाले पुलिस जवान ही मौके से नदारद हैं।

ये व्यवस्था की थी { रेलवे स्टेशन जाने के लिए दिलबहार चौराहे से होकर स्टेशन का मार्ग तय किया था। { स्टेशन से शहर की तरफ आने के लिए माल गोदाम से फ्रीगंज का मार्ग तय किया था।

ये व्यवस्था की थी { रेलवे स्टेशन जाने के लिए दिलबहार चौराहे से होकर स्टेशन का मार्ग तय किया था। { स्टेशन से शहर की तरफ आने के लिए माल गोदाम से फ्रीगंज का मार्ग तय किया था।

वन-वे का संचालन नहीं होने की ये है वजह- पूर्व डीएसपी एवं ट्रैफिक कंसल्टेंट भूपेंद्रसिंह के मुताबिक जहां वन-वे बनाए जाते हैं। वहां स्टापर के साथ ही पुलिस की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है और वो भी पूरे 12 घंटे रोड के दोनों तरफ। बगैर पुलिस की व्यवस्था के वन-वे का संचालन मुश्किल है। वन-वे यदि बनाए गए हैं तो उनका विधिवत वेरीफिकेशन जरूरी है। यदि स्टापर, सूचना बोर्ड और पुलिस की 12 घंटे तैनाती नहीं होगी तो वन-वे का संचालन नहीं हो पाएगा।

अभी नोटिफिकेशन नहीं हुआ, सड़क सुरक्षा समिति में करवाएंगे – ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार राय ने बताया दोनों मार्गों पर हमने वन-वे का प्रयास किया था। लेकिन लोग मानने को ही तैयार नहीं है। अब आगामी दिनों में होने वाली सड़क सुरक्षा समिति में इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। ताकि पूरी तरह से यह व्यवस्था लागू हो सके। इसके अलावा ट्रैफिक संचालन के बेहतर प्रयास किए जाएंगे।(भास्कर से साभार )

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