रतलाम। महू-नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में बादरबेला के किसान राधेश्याम के साथ उपज लेकर पहुंचे ड्रायवर बलराम पिता रमेश निवासी बनवनी की मौत हो गई। चिलचिलाती धूप 40 डिग्री तापमान में परेशान किसान खूले आसमान के निचे नीलामी के लिए मजबूरीवश घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है।हालात इतने खराब है कि जहां नीलामी के लिए किसानों की ट्रालियां खड़ी करवाई जा रही है, वहां छांव तक की व्यवस्था नहीं है। कई किसान धूप में ही अपने-अपने वाहनों के निचे तिरपाल आदि बिछाकर नीलामी का इंतजार करते रहते है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण किसानों के लिए बना रखे प्लेटफार्मों पर व्यापारियों का महिनों से खरीदा माल, बारदान आदि सामग्री जमा रखी है, जिसे हटाया नहीं जा रहा है, हो सकता था अगर धूप में गर्मी के दौरान किसान के साथ आए ड्रायवर को छांव नसीब हो जाती तो यह हादसा नहीं होता। ताकि यहां छांव में किसान बैठ सके और उपज नीलाम हो सके।
पेट दर्द का कहकर सोने गया था ड्रायवर
राधेश्याम ने बताया कि बलराम पेट में दर्द का कहकर वाहन छांव में ही आराम कर रहा था, मैं नीलामी के बाद उठाने आया तो यह अचेत अवस्था में मिला, इसके बाद मंडी प्रशासन ने एम्बुलेंस बुलवाकर अस्पताल ले आए जहां, उसे मृत घोषित कर दिया। मंडी सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र व्यास ने बताया कि किसान के साथ ड्रायवर बलराम पिता रमेश निवासी बनवानी आया था। शाम 4.15 बजे करीब अचेत अवस्था में उसे एम्बुलेस बुलाकर अस्पताल रवाना किया, जहां उसकी मौत हो गई। उसके भाई को धर्मेंद्र को सूचना भी दी गई।
वाहन में गेहूं भरकर लाया था
किसान इसी के वाहन में गेहूं भरकर लाया था, जिसे फर्म महेश रमेश ने खरीदा, लेकिन ड्रायवर की मौत के बाद किसान भी अस्पताल चला गया। तौल नहीं होने के कारण वाहन को मंडी के सामने खडा करवा दिया। नए परिसर में छांव की व्यवस्था नहीं है निर्माण कार्य चल रहा है। परिसर में प्लास्टिक की टंकी पानी की टंकी रखी है, साथ ही हाथ ठेलागाड़ी भी चल रहा है। मुख्य मंडी में पानी की पर्याप्त व्यवस्था है।
बॉटल में पानी व्यापारियों के लिए
बोरदिया के विनोद और धराड़ के दिनेश पाटीदार ने बताया कि छांव नहीं होने के कारण पूरे दिन किसान नीलामी नहीं होने तक ट्राली और वाहन के निचे ही पल्ली बिछाकर इंतजार करते हैं, हम कल से आए हुए है। मंडी कर्मचारी बॉटल लेकर चलते है जो व्यापारियों को पानी पिलाते है, किसानों के लिए प्लास्टिक की टंकी लगा रखी है, वह भी गर्म हो जाती है। अचानक तबियत खराब होने पर किसान परेशान हो जाते है। किसानों के प्लेटफार्मों पर गेहूं, चना, सोयाबीन और अन्य सामान जमा रखा है। दिन-रात यहीं खुले में पड़ी रहती हमारी उपज, अचानक बारिश आ जाए तो किसानों की उपज तो खराब ही होना है। खाना भी मंडी में 3-4 बजे तक मिलता है, इसके बाद बंद हो जाता हैै। सुबह 11.30 बजे तक शुरू होता है।
मृतक करीब 35 साल उम्र, दो बालिका एक बालक
काका लड़के धर्मेंद्र ने बताया कि मृतक बलराम उम्र करीब 35 साल की होगी, तीन बच्चे है। दो बालिका और एक बालक है। सुबह घर से अच्छा भला मंडी के लिए निकला था, छोटे भाई की शादि के लिए लगन लेने की बात भी हुई थी और माल वाले भय्या का अचानक मंडी से फोन आया तो हम मेडिकल कॉलेज पहुंचे। डॉक्टरों ने शुक्रवार को पोस्टमार्टम करने का कह रहे हैं।
इनका कहना है…
किसान के साथ आए ड्रायवर की अचानक तबियत खराब हुई थी, उसे एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचाया गया। अधिक होने पर ही खूले परिसर में ट्रालियां लगवाई जाती है, नहीं तो प्लेटफार्म पर लगती है।
एमएस मुनिया, सचिव, कृषि उपज मंडी, रतलाम( दैनिक पत्रिका से साभार )