श्री कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, वैशाख मास के समान कोई नहीं नंद के घर आंनद भयो भजन पर श्रोतागण झूमे माखन मिश्री का भोग लगाया गया
गायत्री शक्ति पीठ बसन्त कालोनी झाबुआ, व्यास परिवार द्वारा आयोजित की जा रही श्रीमद भागवत कथा
झाबुआ ।श्री कृष्ण विष्णु के 8 वे अवतार हैं, कन्हैया श्याम गोपाल केशव द्वारकेश या द्वारकाधीश आदि नामों से भी जाना जाता है। कृष्ण निष्काम कर्म योगी आदर्श दार्शनिक स्थितप्रज्ञ एवं देवी संपदा से सुसज्जित महान पुरुष थे, उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युवा अवतार का स्थान दिया गया है,मथुरा के कारागार में ही भादो मास में कृष्ण पक्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री कृष्ण का जन्म हुआ बाल्यावस्था में ही श्री कृष्ण ने बड़े-बड़े कार्य किए जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए असंभव है । गोकुल छोड़कर नंदगांव आए हैं, यहां पर उन्होंने कई लीला की जिसमें गोचरण लीला, गोवर्धन लीला, रासलीला आदि प्रमुख है । इसके बाद मथुरा में कंस का वध किया । सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहां अपना राज्य बसाया । महाभारत युद्ध में पांडवों की मदद की और अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और इसी क्षेत्र में उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया 124 वर्षों के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की।उक्त उदगार भागवत प्रवक्ता श्री कृष्णश्रय पौराणिक धुलेट के द्वारा व्यास परिवार द्वारा दिनांक 29 अप्रेल, से 05 मई तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मे श्री श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रंसग पर कही ।श्री कृष्णश्रय पौराणिक ने वैशाख मास का महत्व बताते हुए कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ, इसी वजह से इस मास का धार्मिक महत्व अधिक है इस माह में विष्णु भगवान की पूजा का खासा महत्व है। वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है इस दौरान भगवान विष्णु की तुलसी पत्र से माधव रूप की पूजा की जाती है। भादो मास एवं वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है इस मास के दौरान आपको ओम नमो मंत्र का नित्य जाप करना चाहिए इससे आपके कैरियर में नौकरी में व्यापार में तरक्की होगी और दांपत्य जीवन सुखमय व्यतीत होगा अधिक से अधिक कथा का श्रवण करें और गीता का पाठ करें।.इस अवसर नगर की धार्मिक संस्थाओ विश्व गीताप्रतिष्ठानम, विवेकानंद विचार मंच, गुडमार्निग क्लंब के पदाधिकारी और झाबुआ, मेघनगर धार, के नागरिकगण माता बहने और विद्यार्थी प्रतिदिन कथा श्रवण कर पुण्य लाभ ले रहे है।
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