गडवाडा मे पटवारी हल्का नम्बर 43 के 14 गा्रमों के लोगो ने सामूहिक नुक्ता करने का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया ।
इस आयोजन की सर्वत्र हो रही प्रसंशा । झाबुआ । आपसी सामंजस्य एवं भाईचारे की मिसाल इस अंचल में पटवारी हल्का नम्बर 43 गडवाडा में देखने को मिली जहां डामोर उपजाति के आदिवासी समाज के 14 गा्रमों के लोगों ने मिल कर सामुहिक नुक्ता का कार्यक्रम आयोजित करके एक मिसाल कायम की है ।
गडवाडा के सरपंच श्री सोमजी भाई डामोर ने जानकारी देते हुए बताया कि जनजाति समाज के उदाहरण से सीखने का अन्य सभी समाज भी प्रयास कर सकते हैं कि आपसी सामन्जस्य से भाईचारे की भावना तिनी बलवती होती है । उन्होने बताया कि अपने मृत परिजनों की आत्मीय शांति के लिये उनके परिवारजनो द्वारा सामुहिक नुक्ता करके अलग अलग स्तर पर होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकने का अनुकरणीय काम किया है । इस प्रथा के तहत गाँव के तड़वी द्वारा गाँव की सहमति पर मुहर लगाता है। फिर सब एक सहमति पर आते हैं, और सामुहिक नुक्ता को आयोजित करते है ।उन्होने बताया कि इसमें सामुदायिक स्वामित्व का भाव है। नुक्ता प्रथा (मृत्यु भोज) जैसी प्रारम्परित प्रथा का निर्णय लेते गडवाडा के 14 गा्रमों के लोगों ने एक नई मिसाल कायम की और डामोर समाज में बदलाव का नया संदेश दिया। इन लोगों मे प्रचलित प्रथा के अनुसार 12वें के दिन मृत्यु भोज का आयोजन होना शेष था लेकिन 14 गा्रमों के लोगों ने एकमत होकर सामुहिक नुक्ता प्रथा का आयोजन कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया ।
सरपंच सोमजी भाई के अनुसार जिस पर परिवार के सदस्यों ने समाज की बात को सिर माथे रख स्वीकार करते हुए अत्यंत खर्चीले मृत्युभोज के आयोजन को स्थगित करने में ही भलाई समझी। नुक्ता जैसी सामुहिक प्रथा आयोजित करने का संकल्प लेते हुए समाज के अन्य लोगों से भी भविष्य में ऐसे आयोजनों पर इस तरह का योगदान देने की बात कही गई। इस तरह के सामाजिक पहल की सर्वत्र लोगों द्वारा सराहना की जा रही है।
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