अपराध से ही नहीं वरन नशे से भी मुक्त होंगे यहां कैदी
रतलाम. गांजा, चरस या अन्य तरह के मादक पदार्थों के आदी बंदियों को अब जिला मुख्यालय की सर्किल जेल में रखना आसान होगा क्योंकि जेल प्रशासन ने जेल में ही इन्हें नशे से मुक्ति दिलाने के लिए नशामुक्ति केंद्र की तैयारी कर ली है। इसमें एक-दो, या चार-छह नहीं पूरे 15 बंदी एक साथ रखकर उनका उपचार किया जा सकता है। सर्किल जेल अधीक्षक लक्ष्मणसिंह भदौरिया के अनुसार नशामुक्ति केंद्र और जेल बंदी चिकित्सालय जल्द ही शुरू हो जाएगा।
पुलिस भी बचती है ऐसे अपराधियों से
नशे के आदी अपराधियों को पकडऩे और रखने से पुलिस बचती है और जितनी जल्दी हो सके उन्हें जेल में भेजना पसंद करती है। दूसरी तरफ जेल प्रशासन भी इसलिए बचता है कि नशे के आदी व्यक्ति की हरकतों से हर कोई परेशान हो जाता है। उन्हें यह नशा नहीं मिलने पर सिड्रोम के कारण वे पागलों जैसी हरकत करने लगते हैं।
यहां होगा उपचार
सर्किल जेल में नशामुक्ति के लिए 15 बेड का एक अलग ही वार्ड तैयार कर दिया गया है। इसमें बकायदा पलंग लगे हैं तो इसी तरह के 15 बेड का जेल बंदी चिकित्सालय भी तैयार किया गया है। इसमें अचानक बीमार होने वाले बंदियों को प्राथमिक उपचार मिलेगा। इसके बाद उसे जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में ले जाया जाएगा।
सजायाफ्ता बंदियों से करवाते निगरानी
डीजी जेल अरविंद कुमार के निर्देश पर हमने जेल में ही अनुपयोगी बैरकों को ठीक करके नशामुक्ति केंद्र और बंदी चिकित्सालय तैयार करवाया है। अंदर ही क्लीनिक भी है जिसमें किसी को उपचार की जरुरत होने पर तुरंत गोली-दवाई की व्यवस्था की गई है। जल्द ही नशामुक्ति केंद्र में नशे के आदी बंदियों का इलाज भी किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि आदर्श जेल बने जिससे निकलने वाले बंदी कुछ सीखकर जाएं।
लक्ष्मणसिंह भदौरिया, अधीक्षक सर्किल जेल, रतलाम(पत्रिका से साभार)