अलीराजपुर – नगर परिषद जोबट द्वारा जो मटन मार्केट बनाया गया था वह कई सालों से बंद पड़ा हुआ है वहां सिर्फ एक ही दुकान संचालित की जा रही है लेकिन उसके आसपास शासकीय भूमि पर कहीं मटन चिकन विक्रेताओं का कब्जा है वहा बिना लाइसेंस दुकानों का संचालन किया जा रहा है व्यापार की होड़ जोड़ के चक्कर में दुकानदारो द्वारा एक के बाद एक आगे बढ़ते हुए मुख्य मार्ग तक दुकान लगाई जा रही है जबकि सड़क के सामने ही ईसाई समाज का धार्मिक स्थल है सरकारी गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार से 100 मीटर की दूरी पर मटन चिकन दुकान होना चाहिए जबकि यह दुरी घट कर लगभग 30 मीटर ही रह गई है जो लोग मटन चिकन का सेवन नहीं करते हैं उन लोगों के लिए घर या बाजार इस रास्ते से जाना एक चुनौती बन चुका हैं जब यह मटन मार्केट बनाया गया था तब आसपास आवासीय आबादी नहीं थी लेकिन अब चारों तरफ घर बन चुके हैं व सुबह से शाम तक इसी रास्ते से मोहल्ले वालों का आना जाना लगा रहता है दुकानदारो द्वारा शासन के नियमों को ना मानते हुए खुले में बकरे और मुर्गे को काटा जाता है जो कि नियम के विरुद्ध है व जानवरों से निकलने वाला अपशिष्ट सड़क पर फेंक दिया जाता है जिसकी दुर्गन्ध से लोगों को हर दिन सामना करना पड़ता है एक दुकानदार द्वारा तो सड़क पर ही टीन शेड लगाकर गली के दोनों किनारे पर चिकन बेचा जा रहा है गली सकंरी होने के कारण पहले ही कई दिक्कतों का सामना करना पढ़ता था लेकिन अब मटन चिकन खरीदने वाले का बाइकों को बीच गली मे खड़े कर देने के कारण आने जाने वालों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है पूरे मटन मार्केट की सड़कों पर मुर्गी के पंख दूसरे अपशिष्ट पदार्थ फेले हुए नजर आते हैं साफ सफाई ना होने के कारण पुरे मार्केट में मच्छर और मक्खीयो के फेलने से आसपास के लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है वह किसी भी दुकानदार द्वारा पशुओं का स्वास्थ्य प्रशिक्षण नहीं कराया जा रहा है इस तरह से चिकन मटन का सेवन करने वाले लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या को जल्द ही संज्ञान में लेकर समाधान करना चाहिए ।
यह है शासन के नियम
मीट की दुकान धार्मिक स्थल से 50 मीटर की दूरी पर हो। धार्मिक स्थल के मेनगेट से 100 मीटर की दूरी हो ।
मीट की दुकान सब्जी या मछली की दुकान के पास नहीं होगी ।
मीट दुकान के अंदर जानवर या पक्षी नहीं काटे जाएंगे ।
मीट की दुकानों पर काम करने वालों को सरकारी डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा ।
मीट की क्वॉलिटी पशु डॉक्टर से प्रमाणित करवानी होगी ।
शहरी इलाकों में सर्किल ऑफिसर, नगर निगम और फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी ।
ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए एनओसी देंगे ।
मीट दुकानदार बीमार या प्रेगनेंट जानवर नहीं काट सकेंगे ।
मीट दुकानदार हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करवाएंगे ।
मीट काटने के चाकू और दूसरे धारदार हथियार स्टील के होंगे ।
मीट दुकान में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होगी ।
मीट इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाडिय़ों में ही बूचडख़ानों से ढोया जाए ।
मीट को जिस फ्रिज में रखा जाएगा उसका दरवाजा पारदर्शी होगा ।
मीट की दुकान में गीजर जरूरी होगा ।
दुकान के बाहर पर्दे या गहरे रंग ग्लास लगा हो ताकि किसी को मीट नजर न आए ।
एफएसडीए के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस रद्द हो जाएगा ।