थांदला (वत्सल आचार्य) राज्य की यौन उत्पीड़न पीड़ितों के हित में मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा ने पीड़ितों का टू फिंगर टेस्ट नहीं कराने के संबंध में आदेश जारी किए हैं. इस संबंध में प्रदेशभर के पुलिस आयुक्त और SP को निर्देश जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही टू फिंगर टेस्ट को असंवैधानिक करार दिया था और कहा था कि परीक्षण नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद साल 2014 में हेल्थ मिनिस्ट्री ने गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि किसी भी राज्य में टू फिंगर टेस्ट करना गैरकानूनी है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस तरह के टेस्ट करने वाले व्यक्तियों को दोषी ठहराया जाएगा। इसके बावजूद कई राज्यों में धड़ल्ले से इस टेस्ट को प्रैक्टिस में लाया जा रहा है।