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बिलड़ी में तीन डिग्री कर्व खत्म करने के लिए डाला 900 मीटर लंबा नया ट्रैक

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बिलड़ी में तीन डिग्री कर्व खत्म करने के लिए डाला 900 मीटर लंबा नया ट्रैक

रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर वर्ष 2024 तक ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा करने के लिए रतलाम मंडल में गोधरा से नागदा तक के रेलमार्ग पर क्रमवार कर्व खत्म किए जा रहे हैं। पूर्व में रतलाम-नागदा के बीच बांगरोद-रूनखेड़ा सेक्शन में एक डिग्री, खाचरौद-बेड़ावन्या के बीच तीन डिग्री के कर्व को खत्म करने के बाद अब रतलाम-गोधरा रेलखंड पर बिलड़ी में भी तीन डिग्री के कर्व को 900 मीटर नया टर्नआउट डालकर खत्म किया गया। इस कार्य में सात दिन का समय लगा।वर्ष 2017-18 में स्वीकृत हुए इस प्रोजेक्ट में अधिक वजन वाली रेल पटरियां लगाने के साथ ही ब्रिज मजबूत किए गए हैं। सिग्नल तकनीक भी आधुनिक संसाधनों से लैस की जा रही है। पटरियों के नीचे लोचदार एच-बीम स्लीपर लगाए गए हैं। स्पीड बढ़ने से मुंबई से दिल्ली के बीच का सफर 12 घंटे में पूरा हो जाएगा जबकि अभी 15 से 16 घंटे लगते हैं।

स्पीड का प्रतिबंध होने से आ रही थी समस्या
पूर्व में बिलडी यार्ड में तीन डिग्री कर्व होने से अप लाइन पर 80 किमी प्रतिघंटा व डाउन लाइन पर 75 किमी प्रतिघंटा का गति प्रतिबंध होने के कारण ट्रेन परिचालन में संरक्षा एवं गति प्रभावित होने के साथ रतलाम-गोधरा खंड में ट्रेन सघनता की भी समस्या थी। इस मार्ग पर प्रतिदिन चलने वाली ट्रेनों की संख्या अधिक होने से बिलड़ी में कर्व खत्म करना चुनौतीपूर्ण था। इसके लिए सात दिन का समय लिया गया। करीब 900 मीटर लंबा नया टर्नआउट डालने के लिए कटिंग को चौड़ा करना, ट्रैक डालने के लिए नया फार्मेशन, बैलास्ट बेड तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के बाद इस पर पुराने टर्नआउट को डिस्मेंटल किया गया।
विद्युतीकरण साथ में ही कर बचाए एक करोड़ रुपये
स्थायी गति प्रतिबंध को हटाने के साथ समानांतर बिलड़ी स्टेशन पर पैनल इंटरलाकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग कार्य को भी पूरा किया गया। इसके लिए लगभग 12.06 करोड तथा इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग के लिए लगभग सात करोड़ का फंड स्वीकृत हुआ था। दोनों काम एक साथ करने पर समय की बचत के साथ लगभग एक करोड़ रुपये की लागत भी कम हुई। इस दौरान बिलडी स्टेशन पर नए स्टेशन भवन का निर्माण भी पूरा किया गया।( सौजन्य से दैनिक नई दुनिया)

 

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