मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अत्यंत महत्वपूर्ण, युवाओं को रोजगार मिलेगा, उद्योगों को स्किल्ड युवा मिलेंगे : कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी
रतलाम 01 जून 2023/मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अंतर्गत महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरुवार दोपहर संपन्न हुई बैठक में जिले के उद्यमियों, उद्योगपतियों को बुलाया गया था। इस अवसर पर कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने उद्यमियों को बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के क्रियान्वयन से उद्योगपतियों को स्किल्ड युवा मिलेंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा। जिले में योजना के सफल क्रियान्वयन की नियोजित ढंग से तैयारियां की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की मंशानुसार अधिकाधिक युवाओं को रोजगार देना हमारा लक्ष्य है। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक उद्योग श्री मुकेश शर्मा, आईटीआई प्राचार्य श्री यूपी अहिरवार आदि उपस्थित थे।
बैठक में रतलाम तथा आसपास के उद्योगपति, युवा उद्यमी मौजूद थे। इनमें रतलाम औद्योगिक क्षेत्र के एमएसएमई योजना से लाभान्वित उद्यमियों के अलावा करमदी नमकीन क्लस्टर के व्यवसाई भी शामिल थे। बैठक में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा उद्यमियों को मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की जानकारी से विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। कलेक्टर ने बताया कि योजना के पोर्टल एमएमएसकेवाई डॉट जीओवी डाट इन पर 15 जून से युवाओं के पंजीयन प्रारंभ हो जाएंगे परंतु इस पोर्टल पर औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए पंजीयन 7 जून से प्रारंभ होगा।
बैठक में उपस्थिति उद्यमियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान कलेक्टर द्वारा किया गया। कलेक्टर ने उद्यमियों की जिज्ञासाओं को संतुष्टिपूर्वक शांत किया। कलेक्टर ने बताया कि योजना अंतर्गत युवाओं के लिए अवसरों का नया आसमान खुला है, इसमें ट्रेनिंग के दौरान 12 वी उत्तीर्ण युवाओं को 8 हजार रुपए, आईटीआई उत्तीर्ण युवाओं को 8 हजार 500 रुपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण युवाओं को 9 हजार रुपए तथा स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रुपए प्रति माह स्टायफंड दिया जाएगा। इसमें 75 प्रतिशत राशि शासन चुकाएगा। योजना का लाभ लेने वाले युवाओं की आयु 18 से 29 वर्ष होना चाहिए, वह मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी एवं 12वीं अथवा आईटीआई उत्तीर्ण या इससे भी उच्च कक्षा उत्तीर्ण हो।
कलेक्टर ने बताया कि युवाओं को लाभ के साथ-साथ प्रतिष्ठानों को भी विशेष रूप से योजना अंतर्गत लाभ मिलेगा, वह अपने कुल कार्यबल जिनमें नियमित एवं संविदात्मक कर्मचारी शामिल होंगे, के 15 प्रतिशत की संख्या तक युवाओं को प्रशिक्षण दे सकते हैं। प्रतिष्ठानों को निर्धारित न्यूनतम स्थाई फंड की 25 प्रतिशत राशि युवाओं के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान उसके लिए निर्धारित राशि से अधिक राशि देने के लिए स्वतंत्र होगा। प्रतिष्ठान द्वारा राशि जमा करने के बाद ही निर्धारित स्टाईफंड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से युवाओं को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। योजना अंतर्गत प्रशिक्षण की निर्धारित अवधि तक स्टायफंड दिया जाएगा।