नाले के गंदे पानी से पूजा के फूल, सब्जी-घांस का उत्पादन
रतलाम। शहर के मध्य से निकल रहे गंदे पानी के नाले से सिंचाई कर सब्जियों का उत्पादन लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस गंदे पानी से इंसानों के लिए सब्जियां, मवेशियों के लिए पशु आहार में बरसिम और चारा, देव पूजन में उपयोग किए जाने वाले फूल तक का उत्पादन हो रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते 12 माह यहां उत्पादित की जा रही हरी सब्जी शहरवासियों को परोसी जा रही है।रतलाम से लगाकर जहां तक नाले का जहरीला पानी जा रहा है, वहां तक आसपास के खेत-खलिहान आपको मई माह की भीषण गर्मी में भी हरे-भरे नजर आते हैं। नाले के समीप खेतों कोई जा ना सके, इसके लिए करंट होने का सूचना बोर्ड तक लगा रखे हैं, जिससे कोई उस तरफ जा न सके। इस नाले में एक-दो नहीं सैकड़ों मोटरें लगी हुई है, जिससे सुबह से लेकर रात तक पानी की खेतों में सिंचाई की जा रही है। इनके पाइप भी लम्बी-लम्बी दूरी तक गड़़े हुए है।
ये हो रहा उत्पादन
नाले के समीप पालक, मैथी, चकुंदर, फूलों के बगीचों, बैंगन, पत्ता गोबी आदि कई प्रकार की हरी सब्जियों का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा मवेशियों के लिए घास-बरसीम और भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल की बगियां और बगीचों तक पानी पहुंच रहा है।
लोगों के सेहत खराब हो चलेगा, मोटर सहीं चलना चाहिए
नाले से गंदे पानी की सिंचाई करने के लिए लोगों ने जहां-जहां मोटरें रख रखी है, वहां पक्के रूम बना रखे हैं, ताकि बारिश के दौरान मोटरें खराब नहीं हो, यह बात अलग है कि इस गंदे पानी से उत्पादित की जा रही सब्जियां और घांस से इंसान और मवेशियों की सेहत खराब होती है, लेकिन इनकी मोटरें सुरक्षित चलना चाहिए। कई जगह जो नाले के अंदर पाइप डालकर जालियां लगा रखी है, ताकि नाले से केवल पानी ही खेतों तक पहुंचे, कचरा नहीं।
यहां-यहां रखी मोटरें
शहर के रत्नेश्वर महादेव रोड से लगाकर शिवबाग की पीछे तक करीब आठ से दस मोटरे चल रही है। यहां से आगे बड़े तो करमदी गुलाबवली पहुंच मार्ग पुलिया पर पांच-छह मोटरे चल रही है। इसके आगे त्रिवेणी पहुंच मार्ग तक पूरे नाले पर जगह-जगह मोटरे धड़ल्ले से चल रही है। जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाऐं, मोटरों की संख्या भी बढ़ती जाती है, जहां तक पानी सूख नहीं जाता।(SABHAR DAIUNIK PATRIKA)