रतलाम। महारानी राजकुवर जिला अस्पताल में लापरवाही पूर्वक अस्त-व्यस्त कमरे में मरीजों का एक्सरे किया जा रहा है। यहां एक्सरे रुम की खिड़की को पुस्टे से कवर कर रखा है। इस कारण एक्सरे करने के दौरान रूम से बाहर निकलने वाली रेडिएशन किरणों की चपेट में अन्य मरीज भी आ रहे है, तो टेक्नीशियन भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।एक्सरे रूम से बाहर निकल रही रेडिएशन किरणें रतलाम। महारानी राजकुवर जिला अस्पताल में लापरवाही पूर्वक अस्त-व्यस्त कमरे में मरीजों का एक्सरे किया जा रहा है। यहां एक्सरे रुम की खिड़की को पुस्टे से कवर कर रखा है। इस कारण एक्सरे करने के दौरान रूम से बाहर निकलने वाली रेडिएशन किरणों की चपेट में अन्य मरीज भी आ रहे है, तो टेक्नीशियन भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।इतना ही नहीं अस्त व्यस्त हो रहे एक्सरे कमरे में अन्य सामग्री भी पड़ी हुई है। पंखा-एसी बंद होने पर मात्र कूलर से काम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि क्या करें, मजबूरी है, जो मरीज यहां एक्सरे के लिए आते है उनका तो एक्सरे करना पड़ेगा। वैसे मेडिकल कॉलेज में डीआर-सीआर लगा हुआ है।
कर्मचारियों की मजबूरी
मरीजों का एक्सरे करना भी कर्मचारियों की मजबूरी बन गया है। असुविधा के साथ रेडियोग्राफर काम कर रहे हैं, बार-बार बिजली बंद होने की समस्या हुई है।
इनका कहना
एक्सरे के लिए किसी को मना नहीं कर सकते। वर्तमान नई डीआर मशीन के लिए कार्य चल रहा है। इसलिए गंभीर मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए समीप के रूम में एक्सरे किए जा रहे हैं। सोमवार को जिला अस्पताल में 70 करीब एक्सरे हुए।
सुषमा जेम्स, एक्सरे रूम प्रभारी, जिला अस्पताल
जिला अस्पताल में नहीं होंगे एक्सरे
जब तक काम चल रहा है अस्त-व्यस्त कमरे में मरीजों के एक्सरे न करे। सभी एक्सरे बाल चिकित्सालय में किए जाएंगे। चिकित्सकों को एक्सरे के लिए पाबंद करेंगे। डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, रतलाम
जिला अस्पताल में लापरवाही से उपचार, मरीजों को खतरा
रतलाम। जिला अस्पताल में लापरवाही पूर्वक उपचार किया जा रहा है, जिससे अन्य मरीज भी प्रभावित हो रहे हैं। अस्पताल के एक्सरे रूम में इन दिनों डीआर मशीन के लिए कमरा तैयार किया जा रहा है, जिसके चलते समीप ही के अस्त-व्यस्त कमरे में मरीजों का एक्सरे किया जा रहा है। इस कारण एक्सरे करने के दौरान रूम से बाहर निकलने वाली रेडिएशन किरणों की चपेट में अन्य मरीज भी आ रहे है, तो टेक्नीशियन भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
इस एक्सरे रूम के अंदर अन्य सामग्री भी पड़ी हुई है। पंखा-एसी बंद होने पर मात्र कूलर से काम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि क्या करें, मजबूरी है, जो मरीज यहां एक्सरे के लिए आते है उनका तो एक्सरे करना पड़ेगा। वैसे मेडिकल कॉलेज में डीआर-सीआर लगा हुआ है। मरीजों का एक्सरे करना भी कर्मचारियों की मजबूरी बन गया है। असुविधा के साथ रेडियोग्राफर काम कर रहे हैं, बार-बार बिजली बंद होने की समस्या हुई है।
70 एक्सरे किए जिला अस्पताल में
एक्सरे के लिए किसी को मना नहीं कर सकते। वर्तमान नई डीआर मशीन के लिए कार्य चल रहा है। इसलिए गंभीर मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए समीप के रूम में एक्सरे किए जा रहे हैं। सोमवार को जिला अस्पताल में 70 करीब एक्सरे हुए।
सुषमा जेम्स, एक्सरे रूम प्रभारी, जिला अस्पताल
अब बाल चिकित्सालय में एक्सरे
जब तक काम चल रहा है अस्त-व्यस्त कमरे में मरीजों के एक्सरे न करे। सभी एक्सरे बाल चिकित्सालय में किए जाएंगे। चिकित्सकों को एक्सरे के लिए पाबंद करेंगे।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, रतलाम(दैनिक पत्रिका से साभार)