आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में बड़े पैमाने पर होटलों रेस्टोरेंट एवं जोखिम पूर्ण निर्माण परिवहन के क्षेत्र में बाल श्रमिक कार्यरत हैं जिस पर चिंता व्यक्त करते हुए जिला बाल कल्याण समिति झाबुआ द्वारा व्यापारियों को पत्र प्रेषित कर बालकों को अपने यहां श्रमिक के रूप में नहीं रखने का अनुरोध किया गया है वही 12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस से जागरूकता मुहिम प्रारंभ की है इसी तारतम्य में जिला श्रम अधिकारी को निर्देशित किया है की वे चाइल्डलाइन के साथ संपूर्ण जिले में बाल श्रम निषेध के लिए जागरूकता अभियान चलाकर व्यवसायियों को अवगत करवाएं समिति के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा सक्रिय सदस्य प्रदीप जैन, महेंद्र राठौड़, विजय चौहान, बेला कठलाना ने संयुक्त रूप में वक्तव्य में बताया कि बालको से श्रम करवाना कानूनी अपराध है जिससे नाबालिक बालक शिक्षा से वंचित रह जाते है तथा आगे चलकर अपराधिक प्रवृत्तियों की ओर अग्रसर होते हैं ऐसे में व्यापारी समुदाय जो कि समाज का पोषक है उसका भी दायित्व है कि वह अपने क्षणिक आर्थिक हितों के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करें न्यायपीठ जिला बाल कल्याण समिति ने व्यापारी समुदाय, निर्माण एजेंसियों व अन्य विभिन्न क्षेत्र के नियोक्ताओं से अपील की है कि वह अपने प्रतिष्ठान में नाबालिक बच्चों को श्रम व जोखिम पूर्ण कार्यों में ना लगाएं उन्हें विद्यालयों में प्रवेश दिलवाने के लिए प्रेरित करते हुए सहयोग देवें अन्यथा समिति के समक्ष ऐसे प्रकरण आने पर नियोक्ताओं के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी ।