झाबुआ

जिले में उच्च अधिकारियों के महीनों पूर्व हुए स्थानांतरण आदेश बावजूद रिलीव नहीं और 10 दिन पूर्व हुए स्थानांतरण आदेश को तत्काल प्रभाव से रिलीव……… यह कैसा दोहरा मापदंड…..?

Published

on

झाबुआ से मनोज अरोरा व पीयूष गादीया की रिपोर्ट…..

झाबुआ – जिले में मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिए गए स्थानांतरण आदेश पर कई अधिकारी /कर्मचारी द्वारा न्यायालीन स्टे लेकर जमे हुए हैं तो कई अधिकारी आदेश होने के बाद भी अब तक जिले से रिलीव नहीं हुए है । जिले में फरवरी माह में दो डिप्टी कलेक्टर के स्थानांतरण आदेश होने के बाद भी अब तक रिलीव नहीं किए गए , वरन अतिरिक्त प्रभार भी दिए जा रहे हैं । वही 10 दिन पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत थांदला के स्थानांतरण आदेश होने पर तत्काल प्रभाव से रिलीव किया गया….. यह कैसा दोहरा मापदंड….?

जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 13 फरवरी 2023 को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रशासकीय आधार पर अन्यत्र जिले में पदस्थापना दी गई । जिसके अंतर्गत झाबुआ जिले के डिप्टी कलेक्टर पद पर पदस्थ लक्ष्मी नारायण गर्ग और तरुण जैन का भी तबादला हुआ । डिप्टी कलेक्टर लक्ष्मी नारायण गर्ग का स्थानांतरण झाबुआ से जिला रीवा में किया गया । वहीं डिप्टी कलेक्टर तरुण जैन का स्थानांतरण झाबुआ से जिला शहडोल में किया गया । लेकिन स्थानांतरण आदेश होने के बाद भी आज दिनांक तक दोनों ही डिप्टी कलेक्टर झाबुआ जिले में पदस्थ हैं या फिर जिला प्रशासन द्वारा इन्हें रिलीव नहीं किया गया । कारण चाहे जो भी हो , लेकिन मध्य प्रदेश शासन के आदेश होने के बाद भी उच्च अधिकारियों का रिलीव ना होना जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.। आमजनों में यह जन चर्चा है कि मध्य प्रदेश शासन के आदेशों को जिला प्रशासन क्यों नजरअंदाज कर रहा है । कया यह अधिकारी किसी राजनीतिक प्रभाव से अभी तक रिलीव नहीं हुए हैं या कई और कारण है ….यह जांच का विषय है …..? वहीं मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा 19 जून को एक आदेश के तहत सुश्री राधा डाबर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत थांदला का स्थानांतरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसरावद जिला खरगोन किया गया है । सुश्री डाबर का स्थानांतरण हो जाने के बाद रिक्त हुए पद पर डिप्टी कलेक्टर तरुण जैन को अतिरिक्त अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है जबकि डिप्टी कलेक्टर तरुण जैन का स्थानांतरण पूर्व में हो चुका है लेकिन उन्हें अभी रिलीव नहीं किया गया है और अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है । ऐसा प्रतीत होता है मानो मध्य प्रदेश शासन के आदेश पर जिला प्रशासन का आदेश सर्वोपरि नजर आ रहा है ।.वही सुश्री डाबर को तत्काल रिलीव किया गया है यह भी जन चर्चा का विषय है । सुश्री डाबर को 19 जून को स्थानांतरण आदेश आने के बाद न्यायालय से स्टे लेते हुए कार्य कर रही है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा 29 जून को अवकाश के दिन भी एक आदेश के तहत तत्काल प्रभाव से रिलीव करने हेतु आदेशित किया गया । आमजनों में यह जन चर्चा का विषय है आखिर क्यों जिला प्रशासन उच्च अधिकारियों पर मेहरबान है और स्थानांतरण आदेश होने के बाद भी रिलीव नहीं किया जा रहा है वहीं एक अन्य कर्मचारी का स्थानांतरण आदेश पर स्टे लेने के बाद भी अवकाश के दिन तत्काल प्रभाव से रिलीव करने हेतु आदेशित किया गया…. यह कैसा दोहरा मापदंड……?

Trending