RATLAM

संसदीय क्षेत्र के तीनों जिलो रतलाम,झाबुआ एवं आलीराजपुर के 33-33 से अधिक शिवमंदिरों में अधिक मास मे विश्वमांगल्य सभा एवं सांसद श्री डामोर के सौजन्य से होगें धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन । श्रद्धालु महिलाओं से अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता की अपील की गई ।

Published

on

संसदीय क्षेत्र के तीनों जिलो रतलाम,झाबुआ एवं आलीराजपुर के 33-33 से अधिक शिवमंदिरों में अधिक मास मे विश्वमांगल्य सभा एवं सांसद श्री डामोर के सौजन्य से होगें धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन ।

श्रद्धालु महिलाओं से अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता की अपील की गई ।

झाबुआ /रतलाम। श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित माह माना जाता है। इस पूरे मास में भक्तगण भगवान शिव की आराधना करने के साथ व्रत रखते हैं। इस बार सावन के महीने में अधिकमास पड़ेगा। हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत बड़ा महत्व है। यह महीना भोलेनाथ को समर्पित है. इस महीने भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान श्रावण माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस महीने का शिव भक्तों को हमेशा इंतजार रहता है। इस बार का सावन बहुत खास रहने वाला है क्यांेकि 19 साल बाद श्रावण मे ही अधिक मास हो रहा है। विश्व मांगल्य सभा की मध्यप्रदेश की प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती सुरज डामोर ने बताया कि विश्व मांगल्य संभा एवं सांसद श्री गुमानसिंह डामोर के संयुक्त तत्वावधान में पूरे संसदीय क्षेत्र के तीनों जिलो रतलाम,झाबुआ एवं आलीराजपुर के 33-33 से अधिक शिवमंदिरों में अधिक मास के दौरान 1-1 घण्टे से अधिक समय का आध्यात्मिक, धार्मिक आयोजन करके अधिक मास में विश्वमांगल्य सभा की महिला श्रद्धालुओं के द्वारा विधि विधान से शिवपूजा,रूष्द्राष्टक, रूद्राभिषेक, भगवान भालेनाथ के 108 नामों का नाम स्मरण, मानस पुजा जैसे आयोजनों को श्रद्धा एवं भक्ति के साथ सम्पन्न किया जावेगा ।

श्रीमती सुरज डामोर के अनुसार इस बार सावन का महीना 2 महीने का रहेगा। यह 4 जुलाई से होकर 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक श्रावण अधिकमास रहेगा। श्रावण के महीने अधिकमास पड़ने का ये शुभ संयोग 19 साल बाद बना है। अधिकमास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में श्रावण के महीने का बहुत बड़ा महत्व है। यह महीना भोलेनाथ को समर्पित है। इस महीने भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। श्रीमती डामोर ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान श्रावण माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस बार ऐसा संयोग बना है कि मलमास श्रावण महीने में लगा है। जिससे अबकी बार श्रावण का महीना 59 दिनों का होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि दो महीना इस साल श्रावण का माना जाएगा। मलमास की अवधि में पूरे संसदीय क्षेत्र को शिवमय करने के साथ ही आन्तरिक आध्यात्मिक शक्ति को बढाने की दिशा में विश्वमांगल्य सभा एवं सांसद श्री गुमानसिंह डामोर द्वारा संसदीय क्षेत्र में पहली बार इस प्रकार के धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन को किया जाने से पूरा अंचल शिवमय प्रतीत होगा तथा श्रद्धा एवं भक्ति की बयार और अधिक तेजी से बहेगी ।

श्रीमती डामोर के अनुसार पौराणिक कथा है कि जिस महीने में सूर्य नारायण अपनी राशि नहीं बदलते वह महीना मलिन हो जाता है जिससे इस माह का स्वामी बनने से सभी देवताओं ने अस्वीकार कर दिया। फिर क्या था भगवान विष्णु ने इस माह को अपनाया और उसके स्वामी बन गए। उन्होंने ये भी कहा था कि इस माह में भगवान शिव की जो भी भक्त पूरे मन से पूजा अर्चना करेगा उनके सभी पाप नष्ट होंगे और पुण्यफल मिलेंगे। अतः अधिक मास के दौरान पूरे संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक जिले में 33-33 शिवालयों में महिलाओं द्वारा इस आध्यात्मिक कार्यक्रम को श्रद्धा, भक्ति एवं विश्वास के साथ संपन्न किया जावेगा ।
विश्व मांगल्य सभा ने पूरे संसदीय क्षेत्र की धर्मप्रेमी माताओं एवं बहिनों से अपील की है कि श्रावण के इस पवित्र अधिक मास में अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु महिलाये सहभागी होकर धर्मलाभ प्राप्त करे ।

————————————————

 

Trending