RATLAM

गुरु पूर्णिमा उत्सव में आचार्यश्री किरीट भाई ने भक्तों से ऐसे क्या पूछ लिया की मात्र तीन हाथ उठे

Published

on

गुरु पूर्णिमा उत्सव में आचार्यश्री किरीट भाई ने भक्तों से ऐसे क्या पूछ लिया की मात्र तीन हाथ उठे

रतलाम। तुलसी परिवार की ओर से आचार्यश्री किरीटभाई के सान्निध्य में मंगलवार दोपहर गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया जा रहा है। गुरु महिमा का वर्णन करते हुए आचार्यश्री ने भक्तों के मध्य एक प्रश्न करते हुए कहा कि 25 साल से कम उम्र के कितने युवा-बच्चे यहां बैठे है, हाथ खड़े करें। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित धर्मालुओं ने मात्र तीन हाथ खड़े हुए।अजंता टॉकीज रोड स्थित सभागृह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आचार्यश्री ने इस पर कहा कि बच्चों को भी यहां प्रवचन में आना चाहिए, माता-पिता ने बच्चों को हाथों में मोबाइल पकड़ाकर खेलकूद से दूर कर दिया है। छोटे-छोटे बच्चों को आप करके बोलो। बच्चों को धार्मिक शिक्षा देना चाहिए। हम जैसा करेंगे वैसा ही हमारे बच्चे करेंगे। पहले माताएं एक साथ बैठती थी तो कीर्तन करती थी लेकिन आज की माताएं किटी पार्टी और सेल फोन से फुर्सत नहीं है।

बच्चों को गुरु का मार्गदर्शन
परमात्मा ने हर एक के लिए पहले से व्यवस्था कर रखी है। किसी को ज्यादा मिला है तो किसी को कम। गाड़ी, मकान, पैसे से सुख नहीं मिलेगा, सुख मन की प्रसन्नता से मिलता है। जो मिला है उसे ही अपना समझें। जिस प्रकार जीवन में अच्छे दोस्तों की संगती होना जरूरी है उस प्रकार जीवन में मार्गदर्शक के रूप में अच्छे सतगुरु का होना जरुरी है। जीवन में माता-पिता, परिवार से बढकऱ कोई नहीं है। अपने बच्चों को गुरु का मार्गदर्शन, वृद्धों एवं शास्त्रों का ज्ञान देना शुरू कर दे। संगती अच्छी रहेगी तो उसे समझने की जरुरत नहीं होगी, वह कभी नहीं गिरेगा।

ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम की शुरुआत के पहले कन्या महाविद्यालय की संगीत विभाग की छात्राओं ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी। दीप प्रज्जवलन मोहनलाल भट्ट, अनिल झालानी, डॉ. राजकुमार कटारे, तुलसी परिवार अध्यक्ष बाबूलाल चौधरी ने किया। ब्रहर्षि का स्वागत तुलसी परिवार सचिव डॉ. सुषमा राजकुमार कटारे, निर्मला चौधरी, राजेश व्यास, कैलाश व्यास, राजेंद्र कीर्ति व्यास, हरिश मधु रत्नावत, धर्मेंद्र सुषमा श्रीवास्तव, अचला व्यास, डॉ. सुलोचना शर्मा, प्रशांत प्रीति व्यास, आरएन केरावत, कुसुम गजेंद्र चाहर आदि ने किया।

लड्डू गोपाल जी का अभिषेक
आचार्य श्री ने आशीर्वचन के बाद लड्डू गोपाल जी का अभिषेक कर प्रसादी का भोग लगाया। मंत्र दीक्षा भी आचार्य श्री द्वारा दी गई। जिज्ञासा समाधान में ऋषिवर श्री किरीट भाई जी द्वारा शिष्यों के प्रश्नों का भी दिया गया। आचार्य ब्रह्मर्षि श्री कीरिट भाई ने कहा कि जिन बच्चों ने हितोपदेश एवं पंचतंत्र पढ़ा है वह कभी जीवन में असफल नहीं होंगे। ज्यादा पढ़े लिखे भी विवेकहीन होते हैं। उन्हें भी विषयों के अध्ययन की जररूत होती है। जीवन में सफल होने के लिए जेब में गांधी (रुपए) नहीं आपके हद्य में आंधी होना चाहिए, वहीं जीवन की सफलता है। कन्हैया का हाथ पकड़ लो, कन्हैया साथ था, साथ है और साथ में रहेगा, बस आप उसका हाथ ना छोड़ो। संचालन प्रोफेसर डॉ. अनामिका सारस्वत ने किया।
जो हौंसला बढ़ाए उसकी संगती करो
आचार्यश्री ने कहा कि मति को शुद्ध करने के लिए एक ही उपाय है कि आप किसकी संगती कर रहे हो। जिनकी करनी और विचार ना मिले आप आपकी अशुद्धि कर रहे हो। तुम्हारा हौंसला जो बढ़ाए, मार्ग दिखाए, उसकी संगती करो। घर में क्लेश का कारण यह होता कि सामने वाला आपके मुताबिक हो, जो हो जैसा है उसे भी स्वीकार करो। पहले माताएं एक साथ बैठती थी तो कीर्तन करती थी लेकिन आज की माताएं किटी पार्टी और सेल फोन से फुर्सत नहीं है। अपने बच्चों को हाथों में मोबाइल पकड़ाकर खेलकूद से दूर कर दिया है। छोटे-छोटे बच्चों को आप करके बोलो। बच्चों को धार्मिक शिक्षा देना चाहिए। हम जैसा करेंगे वैसा ही हमारे बच्चे करेंगे। राम राज्य का सूत्र है पहले सेवा करो फिर स्वीकारो। अपने परिवार का साथ कभी ना छोड़ो, प्रथम सेवा परिवार की सेवा है।

रतलाम। तुलसी परिवार की ओर से आचार्यश्री किरीटभाई के सान्निध्य में मंगलवार दोपहर गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया जा रहा है। गुरु महिमा का वर्णन करते हुए आचार्यश्री ने भक्तों के मध्य एक प्रश्न करते हुए कहा कि 25 साल से कम उम्र के कितने युवा-बच्चे यहां बैठे है, हाथ खड़े करें। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित धर्मालुओं ने मात्र तीन हाथ खड़े हुए।(पत्रिका से साभार)

Trending