इस बार 9500 अंक का होगा सर्वेक्षण, 3000 मूल्यांकनकर्ता उतरे मैदान में
रतलाम~~छह माह की लेटलतीफी के बाद आखिरकार पहली जुलाई से स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 चालू हो गया है। अभी यह नेशनल लेवल पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली में किया जा रहा है। तीन-चार दिन में टीम मध्यप्रदेश में भी फील्ड असेसमेंट शुरू कर देगी। इस बार मुकाबला इसलिए भी कड़ा है क्योंकि एक तो सर्वेक्षण के मापदंड सख्त करने के साथ ही सरकार अंक भी 7500 से बढ़ाकर 9500 कर दिए हैं। दूसरे मानसून सक्रिय हो चुका है। ऐसे में बारिश ने सफाई व्यवस्था पर पानी फेर दिया है, जिसका असर रैंकिंग पर पड़ना तय है।
यह पहला मौका है जब स्वच्छ सर्वेक्षण छह माह की देरी से हो रहा है। सामान्यत: थर्ड पार्टी की टीम जनवरी में फिजिकल वेरिफिकेशन करने आती है। इस लेटलतीफी का कारण थर्ड पार्टी तय करने के लिए की जाने वाली टेंडर प्रक्रिया को बताया जा रहा है, जिसे आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय जून में फाइनल कर पाया है।
इस बार देश के 4500 से अधिक शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण हो रहा है, जिसे अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण बताया जा रहा है। इसमें 3000 मूल्यांकनकर्ताओं ने फील्ड असेसमेंट शुरू किया है। प्रत्येक शहर का 46 मापदंडों पर मूल्यांकन होगा। नगरीय आवास एवं विकास विभाग के उपसंचालक हिमांशु सिंह ने बताया स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 नेशनल लेवल पर शुरू हो गया है, जो 30 जुलाई तक चलेगा। कुछ दिन में मध्यप्रदेश में भी टीम आ जाएगी।
मापदंड कठिन इसलिए रैंक सुधरने की उम्मीद कम- 2000 अंक बढ़ाने के बाद इस बार सरकार ने सर्वेक्षण के पैरामीटर भी ऊंचे कर दिए हैं। इसमें सबसे बड़ा पार्ट सिटीजन वाइस का होगा। इसके उलट नगर निगम की मैदानी तैयारी कमजोर दिखाई दे रही है। तीन-चार महीने से जो गतिविधियां चल रही थी, वो सुस्त हो गई है। हालांकि कमिश्नर एपीएस गहरवार का कहना है कि हमारी तैयारी पूरी है। बारिश के कारण जरूर कुछ दिक्कत आएगी। टीम जल्द ही आ सकती है। बता दें कि 2022 में 1 से 10 लाख आबादी शहरों में नगर निगम को देश में 30वां स्थान मिला था।( दैनिक भास्कर से साभार)