झाबुआ

आओ पता लगाए:- स्वास्थ्य विभाग में वह कौन दलाल प्रवीण है जो ड्रग लाइसेंस पास करवाने के नाम पर 50 हजार से अधिक की राशि की मांग करता है……?

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झाबुआ- जिले के स्वास्थ्य विभाग में मनमानी का दौर लगातार जारी है जहा एक और कुछ कर्मचारी मूल पदस्थापना को छोड़कर अन्य जिले में कार्य कर न्यायालीन स्टे होने के बावजूद भी वित्तीय अधिकार प्राप्त होने पर मनमानी कर रहे है वहीं इसी का अनुसरण करते हुए अब प्रवीण दलाल भी इस विभाग में ड्रग लाइसेंस पास करवाने के नाम पर आवेदको को परेशान कर रहा है और राशि नहीं मिलने पर प्रक्रिया को पूर्ण भी नहीं कर रहा है ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ विभाग में दलाल प्रवीण की मनमानी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है इस विभाग के किसी भी शाखा में नकली बिलों की आवश्यकता होने पर प्रवीण दलाल द्धारा बहुत ही आसानी से उपलब्ध कराए जाते हैं और बदले में निश्चित कमीशन की मांग भी की जाती है । सूत्रों ने यह भी बताया कि किसी भी नए मेडिकल स्टोर खोलने के लिए जरूरी कागजात खानापूर्ति के बाद संपूर्ण दस्तावेज संलग्न करने के बाद दलाल प्रवीण द्वारा सर्वप्रथम आवेदकों को नए नए नियमों की जानकारी दी जाती है तथा इसी के साथ कागजी खानापूर्ति की बात भी की जाती है तत्पश्चात आवेदकों को 1 महीने तक विभाग के चक्कर लगवाए जाते हैं और अंत में दलाल प्रवीण द्वारा आवेदकों से इस ड्रग लाइसेंस की संपूर्ण खानापूर्ति और विभागीय स्वीकृति के नाम पर राशि की मांग की जाती है सूत्रों की बात माने तो प्रवीण द्वारा इस तरह के ड्रग लाइसेंस को विभागीय स्वीकृति दिलवाने के नाम पर ₹50 हजार से लेकर ₹70 हजार तक की राशि की मांग की जाती हैं । और यदि कोई आवेदक किसी नेता से फोन लगवाता है तो कई बार यह राशि में बढ़ोतरी हो जाती है सूत्रों की माने तो पूर्व मे इस तरह के ड्रग लाइसेंस को पास करवाने के नाम पर ₹50 हजार की राशि की डिमांड थी जो अब बढ़कर ₹70000 हो गई है और तो और इस दलाल प्रवीण द्वारा उन ड्रग लाइसेंसधारीयो को भी परेशान किया जाता है जो अपने व्यापार का पता और नाम में परिवर्तन करना चाहते हैं उन्हें भी सर्वप्रथम परेशान किया और उसके बाद राशि की मांग की जाती है यह राशि ₹25 हजार से लेकर ₹40 हजार तक डिमांड की जाती है । तत्कालीन सीएमएचओ के कार्यकाल में मनीष और प्रवीण जैसे लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और अपनी जेबे गर्म की है । कया शासन-प्रशासन इस और ध्यान लेकर दलाल प्रवीण जैसे लोगों को लेकर कोई कारवाई करेगा या फिर यह दलाल यू ही मनमानी ड्रग लाइसेंस स्वीकृत करवाने के नाम पर आवेदकों को लूटता रहेगा….?

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