आमतौर पर विदेश या भारत के महानगरों की तरह #Environment को लेकर रतलाम अधिक चिंता करता नजर नहीं आता है, लेकिन पत्रिका के हरित प्रदेश अभियान के बाद #Environment को लेकर लोग रोड पर उतरने लगे है।
रतलाम. शहर में विकास के नाम पर पेड़ को काटा जा रहा है। पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि इनका महत्व हर प्रकार के धर्म की पुस्तक से लेकर ग्रंथ में है। जो पेड़ काट रहे है, उनको महापाप लगेगा। ऐसे लोगों की जगह जेल होना चाहिए। शहर में रतलाम के #Environment को बचाने के लिए चिंता होने लगी है।ये बात शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों की तरफ से #Environment पर्यावरण को बचाने व पौधरोपण को बढ़ावा देने के आयोजन में की गई। रविवार को दो बत्ती पर इस दौरान बड़ी संख्या में समाजसेवी संगठन के सदस्यों ने उपस्थित होकर ये संदेश दिया कि वे #Environment पर्यावरण के साथ हो रही छेड़छाड़ के सख्त खिलाफ है। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ राज्य में हरित प्रदेश अभियान चलता है, मप्र को ग्रीन करने की बात होती है, दूसरी तरफ बड़ी संख्या में पेड़ काटकर #Environment को खराब किया जा रहा है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान अदिति दवेसर, अनिल झालानी, पारस सकलेचा, बबीता नागर सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी उपस्थित रहे।(दैनिक पत्रिका से साभार)