चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर सांसद गुमानसिंह डामोर ने दी बधाई, कहा इसरो स्वर्णिम इतिहास रचने जा रहा है । सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से प्रधानमंत्री एवं इसरो वैज्ञानिकों को दी बधाई
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर सांसद गुमानसिंह डामोर ने दी बधाई, कहा इसरो स्वर्णिम इतिहास रचने जा रहा है ।
सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से प्रधानमंत्री एवं इसरो वैज्ञानिकों को दी बधाई ।
रतलाम /झाबुआ ~~ देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र से लॉन्च किया गया । यह भारतीय वैज्ञनिकों की बहुत बडी उपलब्धी है । ये देश के लिए बेहद गर्व का समय है। चंद्रयान-3 की लॉन्च को लेकर दुनियाभर की नजरें भारत की ओर लगी हुई थी जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की सरकार की एक बहुत बडी उपलब्धि माना जावेगा तथा 14 जुलाई का नाम इतिहास के स्वर्णीम पन्नों पर दर्ज होगा । यह बात क्षेत्रीय सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने चन्द्रयान 3 के अन्तरिक्ष में प्रक्षेपण को लेकर कही ।
इस मौके सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इसरो एक स्वर्णिम इतिहास रचने जा रहा हैं। विश्व नेता हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में महाशक्ति बनने की ओर सतत अग्रसर ’नए भारत’ के सामथ््र्य और हौसले की नई उड़ान चंद्रयान-3 को आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया बया । आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षाओं एवं प्रौद्योगिकी विकास का प्रतीक चंद्रयान-3 अभियान पूर्णतः सफल रहा है । उन्होने इस अवसर पर मंगलकामनाएं देते हुए इसे स्वर्णिम इतिहास रचने जा रही इसरो की पूरी टीम को बधाईया भी दी है ।
श्री डामोर ने कहा कि 14 जुलाई, 2023 का दिन भारत के लिए बेहद ही खास है क्योंकि आज भारत इतिहास रचने जा रहा है। शुक्रवार दोपहर दो बजे श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण किया गया है। और इसलिए यह दिन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित किया जाएगा। भारत के तीसरे चंद्र मिशन, बहुप्रतीक्षित चंद्रयान -3 के लॉन्च के निर्धारित समय पर सफलता पूर्वक हुआ है । यह उल्लेखनीय मिशन हमारे देश की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन, जो चंद्रमा लैंडर और रोवर को अंतरिक्ष में छोडा गया है वह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2 बज कर 35 मिनट 17 सेकेण्ड पर अन्तरिक्ष मे रवाना किया गया है ।
श्री डामोर ने कहा कि अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष यान के लिए पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा में लगभग एक महीने का समय लगने का अनुमान है और लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है। लैंडिंग पर, यह एक चंद्र दिवस तक काम करेगा, जो लगभग 14 पृथ्वी दिवस के बराबर है। चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला लॉन्च रिहर्सल इसरो द्वारा पहले ही संपन्न कर लिया गया था। चंद्रयान-2 मिशन को 2019 में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करने के बाद चंद्रयान-3 इसरो का अनुवर्ती प्रयास होगा और अंततः इसे अपने मुख्य मिशन उद्देश्यों में विफल माना गया।
श्री डामोर ने कहा कि चंद्रयान-3, भारत का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन, भारत को अमेरिका, चीन और रूस के बाद चैथा देश बना देगा, जो चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारेगा और चंद्र सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग के लिए देश की क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। कक्षा उत्थान प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 को चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में डाला जाएगा। 300,000 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए, यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा पर पहुंचेगा।
श्री डामोर ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक धन्यवाद के पात्र है, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत समृद्ध इतिहास है। चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों में एक पथप्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है। उन्होने पूरे संसदीय क्षेत्र की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए अनेको शुभ कामनायें व्यक्त की है। उन्होने कहा कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए इसरो की पूरी टीम को हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं,यह मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा