झाबुआ

विश्व मांगल्य सभा द्वारा संसदीय क्षेत्र के 501 शिव मंदिरों में शिव आराधना, पूजा अर्चना का होगा आयोजन । 16 एवं 17 जुलाई को चार शिवालयों में होगा शिवजी के अनुष्ठान का कार्यक्रम । श्रावण के पुरूषोत्तम का शास्त्रों में काफी आध्यात्मिक महत्व है, श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित माह माना जाता है- श्रीमती सूरज डामोर

Published

on

विश्व मांगल्य सभा द्वारा संसदीय क्षेत्र के 501 शिव मंदिरों में शिव आराधना, पूजा अर्चना का होगा आयोजन ।
16 एवं 17 जुलाई को चार शिवालयों में होगा शिवजी के अनुष्ठान का कार्यक्रम ।
श्रावण के पुरूषोत्तम का शास्त्रों में काफी आध्यात्मिक महत्व है, श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित माह माना जाता है- श्रीमती सूरज डामोर

झाबुआ । विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश  के तत्वावधान में पुरूषोत्तम श्रावण मास म पूरे संसदीय क्षत्र के 501  शिव मंें शिवउपासना के तहत महिलाओ द्वारा उासना के सं के तहत 16 जुलाई रविवार को झाबुआ गर में सायंकाल 4 बजे लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित श्री राम मंदिर एवं सांयंकाल 5 बजे से डीआरपी लाईन स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर में शिव अनुष्ठान के तह  सामुहिक रूद्राष्टक का पाठन, अष्टोत्तर नामावली एवं बिल्वार्चन , शिव मानस पूजन, का गायन किया जावेगा। तथा पौधारोपण का अभिनव आयोजन भी किया जावेगा । श्रीमती सूरज डामोर अध्यक्ष विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश एवं सुश्री पूजा पाठक प्रमुख संगठिका मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हए बताया कि श्रावण के अधिक मास अर्थात पुरूषोत्तम का शास्त्रों के अनुसार काफी आध्यात्मिक महत्व है। श्रीमती डामोर के अनुसार श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित माह माना जाता है। इस पूरे मास में भक्तगण भगवान शिव की आराधना करने के साथ व्रत रखते हैं। इस बार सावन के महीने में अधिकमास पड़ेगा। हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत बड़ा महत्व है। यह महीना भोलेनाथ को समर्पित है. इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस महीने का शिव भक्तों को हमेशा इंतजार रहता है। इस बार का सावन बहुत खास रहने वाला है क्यांेकि 19 साल बाद श्रावण मे ही अधिक मास हो रहा है। अतः इस माह में विश्व मांगल्य सभा केे उक्त आध्यात्मिक एवं धार्मिक व्यापक महत्व है।
श्रीमती डामोर के अनुसार  इसी कडी में दिनांक 17 जुलाई दुसरे सोमवार एवं हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर अनास तट स्थित पारदेश्वर महादेव मंदिर एवं दुधेश्वर महादेव मंदिर में भी सायंकाल 4 बजे एवं सायंकाल 5 बजे उक्तानुसार ही आयोजिन होगा तथा दोनो शिव मंदिरो के परिसर मे पौधारोपण किया जावेगा । उन्होने बताया कि  विश्व मांगल्य सभा का उद्देश्य ही धार्मिक आयोजनों के माध्यम से संस्कारों का प्रसार करना है । भारतीय संस्कृति में मां का बड़ा महत्व है। जितने भी वीर महापुरुषों के उदाहरण हम सबके सामने प्रस्तुत किए जाते हैं उनके मूल में एक मां की त्याग तपस्या व संस्कार सहित लालन-पालन छिपा होता है। हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है। विश्वमांगल्य सभा मातृ निर्माण के देव-देश कार्य में लगा हुआ है। एक संस्कारित राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत माता निश्चित ही महापुरुष की जन्म दात्री होती है। इसी कडी में श्रावण माह जो पुरूषोत्तम माह में सतत शिव आराधना पजन अर्चन का कार्यक्रम आयोजित किया जारहा है।
उन्होने बताया कि उक्त कार्यक्रम को लेकर 17 जुलाई 2023 सोमवार को अपरान्ह 11 बजे से गडवाडा स्थित सांसद कार्यालय पर इसी उद्देश्य को लेकर प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया जावेगा जिसमें विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश के द्वारा संस्कारो, धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश दिये जाने के बारे में चर्चा की जावेगी ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि उक्त कार्य में पंतजलि महिला योग समिति की अध्यक्ष सुश्री रूकमणी वर्मा एवं कल्पना राणे तथा समिति की महिलाओं का उललेखनीय योगदान रहेगा । उन्होने नगर की धर्मप्राणजनो एवं माताओं एवं बहिनों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त करे तथा श्रद्धा-भक्ति के साथ सहभागिता करें ।

Trending