रतलाम। गलत दवाई देने से खराब हुई गन्ने की फसल देखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा और कृषि विशेषज्ञ किसान के खेत पर पहुंचे। दवाईयों की जांच कर फसल देखी, जिसमें पाया कि किसान को कृषि फर्म से दवाई ही गलत दी गई थी। गुरुवार को बंजली स्थित किसान के खेत पर कृषि विभाग की ओर से गठित जांच दल में शामिल कृषि अधिकारी और विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के वैज्ञानिकों ने मौके पर पहुंचकर फसल स्थिति देखी और दवाईयों की जांच की। जिसमें पाया कि उक्त कृषि फर्म से किसान को दो प्रकार की दवाई दी गई थी, जिसमें एक गन्ने की फसल में उपयोग ही नहीं करना थी। दवाई गलत दी, गलत समय पर दी, कितने दिन बाद डालना चाहिए जानकारी नहीं दी।
ाहर सराय स्थित खाद-बीज दवाई की दुकान
समीपस्थ ग्राम बंजली के किसान मांगीलाल रामाजी जाट ने खेत में लगा रखी गन्ने की फसल में हो रही खरपतवार नष्ट करने के लिए रतलाम के शहर सराय स्थित खाद-बीज दवाई की दुकान से दी गई गलत समय पर गलत दवाई देने के कारण एक बीघा की फसल जल गई। पत्रिका ने 15 जून को पेज नंबर 11 पर ‘खरपतवार नाशक दवाई छिड़कने से जली गन्ने की फसलÓ शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यानाकर्षित करवाया था।
गठित दल पहुंचा किसान के खेत पर
जांच दल में एनएफ मंडलोई एसडीओ सैलाना, कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सीआर कंठवा व डॉ. ज्ञानेंद्र तिवारी शामिल थे। डॉ. कंठवा ने बताया कि किसान को खरपतवार नाशक गलत दवाई दी, एक अन्य दवाई मिक्स करवा दी, जिस कारण फसल खराब हुई। व्यापारी ने यह तक नहीं पूछा कि कितने दिन की फसल हो गई, कब डालना चाहिए और एक दवाई जो गन्ने की थी ही नहीं वह भी फर्म संचालक ने दे दी।
रिपोर्ट के आधार पर करेंगे कार्रवाई
उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया ने बताया कि वैज्ञानिकों को दल कृषक के खेत पर जली हुई फसल की जांच करने गया था। आज कार्यालय आए थे, उन्होंने बताया कि फर्म संचालक ने गलत दवाई दी है, वैज्ञानिकों की जांच रिपोर्ट के आधार उक्त फर्म संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 14 जून को बंजली के किसान मांगीलाल रामाजी जाट ने कलेक्टोरेट स्थित कृषि विभाग उपसंचालक कार्यालय पहुंचकर गन्ने की फसल नुकसानी के साथ संबंध में फर्म की शिकायत कर मुआवजे की मांग की है। 11 मई को दवाई खरीदी शिकायत पत्र के साथ बिल की कॉपी भी विभाग को दी गई थी।