RATLAM

मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार का विशेष महत्व है, इस दिन किया गया पूजा पाठ निष्फल नहीं होता है- पण्डित अभिषेक गिरी । कस्तुरबा नगर स्थित शिव हनुमान मंदिर में भोलेनाथ का किया नयनाभिराम श्रृंगार- श्रद्धालुओं की भीड उमडी।

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मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार का विशेष महत्व है, इस दिन किया गया पूजा पाठ निष्फल नहीं होता है- पण्डित अभिषेक गिरी ।
कस्तुरबा नगर स्थित शिव हनुमान मंदिर में भोलेनाथ का किया नयनाभिराम श्रृंगार- श्रद्धालुओं की भीड उमडी।

रतलाम । सावन के दूसरे सोमवार पर बहुत ही शुभ संयोग बना था। इस बार सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा अर्चना करने से शास्त्रो के अनसार श्रद्धालुआंे कोे 4 गुना अधिक फल मिलने वाला है। स्थानीय कस्तुरबा नगर गली नम्र 6 में स्थित भगवान  शिव हनुमान मंदिर के पूजारी पण्डित अभिषेक गिरी ने बताया कि श्रावण माह के दूसरे सोमवार को सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या के योग पर मंदिर में प्रातःकाल से ही भगवान श्री भोलेनाथ के अभिषेक,पूजा अर्चना के लिये श्रद्धालुओं की भीड बनी रही । इस अवसर पर भगवान भोलेनाथ का महाकांल स्वरूप  में आकर्षक श्रंृगार को निहारने  तथा मत्था टेकने के लिये सैकडो की संख्या में शिवभक्त जुटे ।
पण्डित अभिषेक गिरी के अनुसार सावन का दूसरा सोमवार का पर्व 17 जुलाई मनाया गया ।हमारे शास्त्रों में सावन के सोमवार का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की भी कृपा बनी रहती है। सावन के दूसरे सोमवार पर बहुत ही शुभ संयोग बना । मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन किया गया पूजा पाठ निष्फल नहीं होता है। अगर किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा आ रही है और उसके विवाह के योग नहीं बन रहा हैं तो सावन के सोमवार की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव का अभिषेक और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान जरूर अर्पित करना चाहिये। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में आर्थिक परेशानियां चल रही हैं तो उनके लिए भी सावन सोमवार पूजा उत्तम फलदायी रहती है। कहा जाता है कि भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
उन्होने आगे बताया कि सावन मास मंे  शिव हनुमान मंदिर  में दूसरे सोमवार को भगवान भोलेनाथ का नयनाभिराम श्रृंगार  किया गया तथा विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ रूद्राभिषेक अनुष्ठान भी संपन्न हुआ जिसमें इस क्षेत्र के सैकडो शिवभक्तों एवं माता एवं बहिनों ने भाग लिया । श्रावण के दूसरे सोमवार को भगवान भालेनाथ की शंखध्वनि, नगाडो, घडी घंटालों के बीच महा आरती का आयोजन भी किया तथा आरती के पश्चात महा प्रसादी का वितरण किया गया । उन्होने बताया कि प्रत्येक श्रावण सोमवार को भोलेनाथ का आकर्षक नयनाभिराम श्रृंगार होगा तथा महा आरती के साथ ही महाप्रसादी का भी वितरण होगा । उन्होने श्रद्धालुओं से श्रावण माह में अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार पधार कर धर्मलाभ लेने की अपील की है ।

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