महिला एथेलिट अब दिखा सकेगी राष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर गोवा, हैदराबाद के बाद अब भोपाल का चयन,27 जुलाई तक करवाना होगा पंजीयन अब महिलायें भी पुरूषों से एथेलिट्स में अब पीछे नही दिखाई दे रही है तथा सतत कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर हो रही है-श्रीमती प्रफुल्ल शर्मा
महिला एथेलिट अब दिखा सकेगी राष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर
गोवा, हैदराबाद के बाद अब भोपाल का चयन,27 जुलाई तक करवाना होगा पंजीयन
अब महिलायें भी पुरूषों से एथेलिट्स में अब पीछे नही दिखाई दे रही है तथा सतत कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर हो रही है-श्रीमती प्रफुल्ल शर्मा
झाबुआ । प्रदेश वुमन मास्टर्स एथलेटिक एसोसिएशन को 22 सितंबर से 24 सितंबर तक तीन दिवसीय थर्ड वूमंस नेशनल मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप की मेजबानी करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। यह राष्ट्रीय स्पर्धा टीटी नगर स्टेडियम भोपाल में जिला वूमंस मास्टर्स एथलेटिक्स संघ भोपाल आयोजित करेगा । गोवा-हैदराबाद के बाद अब इस तीसरी राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए भोपाल का चयन किया गया है। महिला एथलेटिक को इसमें अपना जौहर दिखाने का बड़ा मौका मिलने जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में इसके लिए 27 जुलाई तक पंजीयन करवाया जा रहा है। एसोसिएशन ने झाबुआ जिले के लिए अपनी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रफुल्ल शर्मा को अधिकृत किया है।
श्रीमती शर्मा व जिला सचिव कोमल बारिया ने बताया कि एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मीना जोशी,चेयरमैन श्री अखिलेश्वर सिंह ठाकुर ,स्टेट महासचिव श्री पीकेसेम्युअल व स्टेट सचिव कैप्टन सुनीता सैम्युल के निर्देशन में यह आयोजन होगा।जो भी महिला इस आयोजन में शामिल होना चाहती है,उन्हे 27 जुलाई तक अपना पंजीयन करवाना होगा।
श्रीमती प्रफुल्ल शर्मा का कहना है कि जब खेल की बात आती है, तो महिलाओं को उनकी खेलने की क्षमता के लिए कम उम्मीदों के लिए रखा जाता है और उन्हें कमजोर के रूप में चित्रित किया जाता है। पुरुषों से अपेक्षा की जाती है कि वे खेलकूद में सक्रिय हों और रूढ़िवादी खिलाड़ी को फिट करने के लिए मांसलता रखें। जब राष्ट्रीय खेलों की बात आती है, तो पुरुष खेल अधिक सामने आते हैं और पहचाने जाते हैं। एक पुरुष के रूप में, हम रूढ़िवादी मान्यताओं से घिरे दिखाई देते है कि महिलाएं कैसे कमजोर होती हैं और उन्हें पुरुषों के साथ खेलने में भी सक्षम नहीं होना चाहिए। शुरुआती ओलंपिक के समय से खेल और खेलों में महिलाओं की भूमिका उपेक्षित थी। 19 वीं शताब्दी के अंत और 20 वीं शताब्दी के मोड़ ने प्रतिभागियों और दर्शकों दोनों के रूप में खेल में महिलाओं की बढ़ती रुचि को देखा। हालाँकि, खेल में पुरुषों की भागीदारी की तुलना में, महिला खेल नए हैं और उनके कारण उन्हें वह पहचान नहीं मिल पाई जिसके वे हकदार हैं। लेकिन खेलों की दुनिया ने यह देखना शुरू कर दिया है कि महिलाओं का खेल उतना ही रोचक और रोमांचक हो सकता है जितना कि पुरुषों का खेल। इसलिये अब महिलायें भी पुरूषों से एथेलिट्स में अब पीछे नही दिखाई दे रही है तथा सतत कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर हो रही है । उन्होने आगे कहा कि महिलाओं को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका शैक्षिक समाज द्वारा निभाई जाती है, चाहे वह स्कूल में हो या कॉलेज में। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए एक समान पैमाने पर खेल सुविधाओं का प्रावधान नई प्रवृत्ति को दर्शाता है। इससे खेल में भाग लेने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है। अधिक लोग खिलाड़ियों की बेहतर गुणवत्ता के कारण अतीत की तुलना में अब महिलाओं को खेल खेलते देखना चाहते हैं।
29 स्टेट का प्रतिनिधित्व
एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव श्री सेम्युअल के अनुसार देश की 29 स्टेट की नेशनल व इंटरनेशनल महिला खिलाड़ी इस आयोजन में भाग लेगी । लगभग 1500 महिला खिलाड़ी इसमें भाग लेगी।पूर्व में आयोजित हुई प्रतियोगिता में प्रदेश की महिला खिलाड़ियों ने भाग लेते हुए कई मैडल जीते और प्रदेश का नाम रोशन किया था । इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली महिला खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से अपना पंजीयन करवाना होगा । झाबुआ जिले में पंजीयन के लिए श्रीमती प्रफुल्ल शर्मा को अधिकृत किया गया है। 27 जुलाई के पूर्व तक पंजीयन आवश्यक रूप से करवा ले।